नंदीग्राम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि नंदीग्राम में कार में बैठते समय उन पर हमला किया गया, उनके पैर में चोट लगी है। घटना के बाद उन्हें फौरन कोलकाता ले जाया जा रहा है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि जिस वक्त उन पर हमला हुआ, उनके आसपास कोई भी सुरक्षा कर्मी वहां मौजूद नहीं था। खबर है कि ममता बनर्जी के पैर के साथ ही साथ कमर में भी चोट लगी है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी सिर्फ ड्रामा कर रही हैं। बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और राज्य बीजेपी के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह, दोनों इसे नाटकबाज़ी करार दे रहे हैं।



मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने अपनी नेता पर हुए इस हमले की शिकायत चुनाव आयोग से करने का एलान किया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी की सुरक्षा में बरती गई इस लापरवाही के लिए चुनाव आयोग ही जिम्मेदार है। 



 





 



ममता बनर्जी नंदीग्राम से ही विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, जहां उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी से है। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद वहां किराए का एक घर भी ले लिया है, जहां उन्होंने रहने का एलान किया है। लेकिन आज शाम हुए हमले के बाद उन्हें फौरन कोलकाता ले जाया जा रहा है। 



इस बीच, बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा है कि ममता बनर्जी पर हमले की बात  सहानुभूति पाने के लिए किया जा रहा ड्रामा है। उन्होंने कहा कि यहां क्या तालिबान ने ममता बनर्जी पर हमला कर दिया? उनके साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है, चार आईपीएस अधिकारी तैनात रहते हैं। अगर हमला हुआ है तो उनके सुरक्षा अधिकारियों को सस्पेंड करना चाहिए। बीजेपी नेता ने कहा कि हमलावर कहीं से अचानक प्रकट नहीं हो सकते। उन्हें पकड़ा जाना चाहिए था। अर्जुन सिंह ने दावा कि ममता बनर्जी ने सहानुभूति हासिल करने के लिए ड्रामा किया है। 



 





 



दरअसल, पश्चिम बंगाल में चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र चुनाव आयोग के नियंत्रण में है। आयोग कल रात ही एक आदेश देकर राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी बदल चुका है। आयोग ने इस बारे में जारी आदेश में कहा था कि उसने यह कदम राज्य में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के बाद उठाया है। लेकिन जाहिर है कि आज ममता बनर्जी पर हुए हमले के बाद आयोग को अपने इंतजाम की एक बार फिर से समीक्षा करनी पड़ सकती है।