नई दिल्ली। देश में किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। शंभू बॉर्डर पर हरियाणा के किसान महीनों से बैठे हैं। उन्होंने 6 दिसंबर के बाद दिल्ली कूच का ऐलान किया है। उधर, यूपी के किसान नोएडा में आंदोलन कर रहे हैं। बावजूद, किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। इस बीच देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किसान आंदोलन को लेकर मंगलवार को सीधे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मंच से ही कई सवाल किए। धनखड़ ने मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (CIRCOT) के शताब्दी समारोह के दौरान शिवराज की ओर इशारा करते हुए कहा, कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है और भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है कि कृपया करके मुझे बताइए कि किसान से क्या वादा किया गया था? और जो वादा किया गया था, वह क्यों नहीं निभाया गया?

धनखड़ ने आगे कहा कि वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? बीते साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है। हम कुछ नहीं कर रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है?

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धनखड़ ने कहा कि यह समय मेरे लिए कष्टदायक है, क्योंकि मैं राष्ट्रधर्म से ओतप्रोत हूं। दुनिया में हमारी साख पहले कभी इतनी नहीं थी, भारत का प्रधानमंत्री आज विश्व के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है। मोदी ने दुनिया को संदेश दिया है कि समाधान केवल बातचीत से ही निकल सकता है। ऐसे में किसानों की समस्या दूर की जाए। विकसित राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए प्रत्येक नागरिक की आय में आठ गुना वृद्धि करनी होगी। कौन हैं वो लोग जो किसानों को कहते हैं कि उसके उत्पाद का उचित मूल्य दे देंगे? मुझे समझ नहीं आता कि कोई पहाड़ गिरेगा। किसान अकेला है और असहाय है।

मंगलवार को जिस समय धनखड़ कृषि मंत्री से सवाल कर रहे थे, उसी समय नोएडा के ‘दलित प्रेरणा स्थल’ पर किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। यह संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हो रहा था। यहां 163 से अधिक किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उधर, शंभू बॉर्डर पर भी हालात तनावपूर्ण हैं।