अहमदाबाद। ड्रग्स के खिलाफ तमाम कार्रवाई के बावजूद गुजराती ड्रग्स माफियाओं का यह गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुजरात के तट से एक बार फिर करोडों रुपए के ड्रग्स बरामद हुए हैं। खास बात ये है कि ये ड्रग्स पाकिस्तान से मंगाए गए थे। गुजरात एटीएस द्वारा पाकिस्तानी नौका से बरामद इस खेप की कीमत 400 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इसके पहले अडानी के मुंद्रा पोर्ट से दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स रैकेट के संचालन का भंडाफोड़ हो चुका है। 



गुजरात डिफेंस पीआरओ ने भी ड्रग्स बरामदगी की पुष्टि की है। डिफेंस पीआरओ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, 'गुजरात ATS के साथ चलाए गए साझा अभियान में तटरक्षक बल ने मछली पकड़ने वाली पाकिस्तानी नौका ‘अल हुसैनी’ को भारतीय समुद्री सीमा में पकड़ा। नौका में सवार छह लोगों को गिरफ्तार कर जांच के लिए नाव समेत उन्हें गुजरात के कच्छ जिले में जाखू तट पर लाया गया है। 





ट्वीट में बताया गया कि नाव से लगभग 400 करोड़ रुपये की 77 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई है। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात नशे के कारोबारियों के लिए हब बन गया है। इसी साल अकेले गुजरात से जितनी संख्या में अवैध ड्रग्स बरामद हुआ है उतना पूरी दुनिया में नहीं हुआ। पिछले महीने ही एटीएस ने नवलखी बंदरगाह के पास स्थित ज़िनज़ुदा गांव से 120 किलो हेरोइन जब्त किया था, जिसकी मार्केट वैल्यू 600 करोड़ रुपये बताई गई। पुलिस के मुताबिक हेरोइन का यह खेप पाकिस्तान से नाव के जरिए गुजरात लाया गया था। 



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इसी साल 13 सितंबर को बिजनेसमैन गौतम अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 21 हजार करोड़ रुपए की 3 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी। ड्रग्स को कागजों पर टेलीकॉम पाउडर बताकर लाया जा रहा है। तीन महीने बीतने के बाद भी आजतक इस बड़े रैकेट के पीछे का माफिया कौन था इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है। मुंद्रा पोर्ट से ड्रग्स बरामदगी के बाद पता चला था कि बीते 9 जून को भी अडानी के पोर्ट पर टेलकम पाउडर मंगाए गए थे।



रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते 9 जून को भी उसी कंपनी ने टेलकम पाउडर मंगाया था, जिसे 13 सितंबर को टेलकम पाउडर की आड़ में ड्रग्स मंगाते पकड़ा गया था। लेकिन जून में 3 हजार किलो के बजाए 25 हजार किलो टेलकम पाउडर मंगाए गए थे। ड्रग्स के हिसाब से इसकी कीमत लगभग 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा होगी। लेकिन तब इस खेप को पकड़ा नहीं जा सका था और यदि वे ड्रग्स थे जिसकी पूरी संभावना है तो उसे भारतिय बाजारों में खपाया जा रहा होगा और हिंदुस्तान के युवा नशे की आग में झोंके जा रहे होंगे। बीजेपी शासित गुजरात का यह ड्रग्स रैकेट न सिर्फ युवाओं के स्वास्थ्य बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।