बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गए हैं। इस बार मामला उनके पोते और उनकी कंपनियों से जुड़ा है। आरोप लगा है कि येदियुरप्पा के पोते शशिधर मर्दी की दो कंपनियों को कोलकाता की सात शेल कंपनियों से 5 करोड़ रुपये मिले हैं और ये रकम 660 करोड़ रुपये के एक सरकारी प्रोजेक्ट का ठेका आरसीसीएल नाम की कंपनी को दिए जाने के एवज में मिली है। हालांकि, मर्दी ने इसे लोन बताया है। 

इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा एक क्षेत्रीय न्यूज चैनल पॉवर टीवी ने किया था। जिसके चलते चैनल को आठ दिन तक प्रसारण नहीं करने दिया गया। हालांकि, चैनल का प्रसारण अब फिर से शुरू हो गया है। बैंगलूरू के इस हाउजिंग प्रोजेक्ट का ठेका आरसीसीएल को पिछले साल अप्रैल में कांग्रेस सरकार के दौरान ही मिल गया था लेकिन जुलाई में सरकार गिरने के बाद इसे अंतिम मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है। 

इस संबंध में अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने भी खोजबीन की है। इस पूरे लेनदेन का खुलासा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दस्तावेजों से हुआ है। जिन कंपनियों से पैसे आए हैं, उन्होंने जहां का पता दिया है, उस जगह केवल छोटी मोटी दुकाने हैं। आसपास के लोगों को कंपनियों का कुछ अता पता नहीं है। एक तरफ जहां मर्दी ने इस पांच करोड़ की रकम को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए लिया गया लोन बताया है दूसरी तरफ आरसीसीएल के निदेशक चंद्रकांत रामलिंगम ने पॉवर टीवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। मर्दी ने भी न्यूज चैनल पर परिवार की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। 

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दस्तावेजों से पता चला है कि कोलकाता की सात कंपनियों ने बेलग्राविया एंटरप्राइजेज प्रा. लि. और वीएसएस एस्टेट्स प्रा. लि. को पांच करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इन दोनों कंपनियों के निदेशक शशिधर मर्दी हैं। कोलकाता की कंपनियों ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को जो दस्तावेज दिए हैं, उनमें कंपनियों का पता एक जैसा है लेकिन कोई भी कंपनी उस पते से काम नहीं कर रही है। कंपनियों ने अपना पता कोलकाता में बीबी गांगुली स्ट्रीट का दे रखा है। 

चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों कंपनियों बेलग्राविया एंटरप्राइजेज प्रा. लि. और वीएसएस एस्टेस्ट्स प्रा. लि. में शशिधर मर्दी को तब निदेशक बना गया जब कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बने। हालांकि, मर्दी का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि कुछ लोग परिवार की छवि खराब करना चाहते हैं लेकिन कोलकाता की जिन कंपनियों से उनकी कंपनियों को पैसे मिले हैं, उनके बारे में मर्दी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। 

यह पूछे जाने पर कि कोलकाता की इन कंपनियों ने जो पते दिए हैं वे वहां मौजूद ही नहीं हैं, मर्दी कहते हैं कि इस बारे में बस उन्हें इतना पता है कि ये सभी कंपनियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं और कुछ प्रोजेक्ट्स को लेकर हमें लोन प्रदान कर रही हैं। उनका यह भी कहना है कि बेलग्राविया कंपनी में उन्हें बस कुछ समय पहले ही निदेशक बनाया गया है। इसमें उनका कोई हिस्सा नहीं है और ना ही यह कंपनी किसी भी तरह से परिवार से जुड़ी है।