कोरोना वायरस महामारी के कारण शुरुआती पांच महीनों में वैश्विक पर्यटन क्षेत्र को 320 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इसकी वजह से करीब 12 करोड़ नौकरी खतरे में हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने यह आंकड़ा देते हुए चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के आवागमन में आधे से अधिक की कमी है। बताया जा रहा है कि इस बार पर्यटन क्षेत्र को जितना नुकसान पहुंचा है, वो 2008 में आए वित्तीय संकट के मुकाबले तीन गुना है।

पर्यटन को वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्यात का हिस्सा माना जाता है। एक आंकड़े के अनुसार यह वैश्विक निर्यात का तीसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। गुतारेस ने बताया का 2019 में पर्यटन ने वैश्विक निर्यात में सात प्रतिशत की भागीदारी निभाई थी। 

गुतारेस ने कहा कि यह काफी दुख भरा है कि कैसे कोविड 19 वैश्विक महामारी ने पर्यटन को तहस नहस कर दिया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन से विभिन्न संस्कृतियां भी एक दूसरे के संपर्क में आती हैं, महामारी ने इसे भी लगभग ठप कर दिया है। 

दरअसल, कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए दुनिया भर के देशों ने कड़ प्रतिबंध लागू किए हैं। इनके तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानें लगभग पूरी तरह बंद हैं, बॉर्डर भी सील हैं और दूसरे देशों के नागरिकों के आगमन पर पूरी तरह प्रतिबंध है।

एक महत्वपूर्ण तथ्य को रेखांकित करते हुए गुतारेस ने कहा कि पर्यटन के बंद हो जाने से केवल अमीर देशों की अर्थव्यवस्था को ही नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि कई विकासशील देश भी इसकी चपेट में आए हैं। कई विकासशील देशों की जीडीपी में पर्यटन का हिस्सा 20 प्रतिशत तक होता है। पर्यटन के बंद हो जाने से उससे जुड़े छोटे उद्योगों को भी आर्थिक मार पड़ी है।