नई दिल्ली। हम हमेशा चांद पर दाग की बात करते हैं मगर इस बार भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-1 ने एक बड़ी अहम जानकारी दी है। चंद्रयान ने कुछ ऐसी तस्वीरें ली हैं जिससे प्रतीत होता है कि चांद के ध्रुवों पर जंग लग रही है। केंद्रीय परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार (06 सितंबर) को इस बात का खुलासा किया है। चंद्रयान की इन तस्वीरों से एक बार फिर से इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है कि चांद पर पानी और हवा की मौजूदगी है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को बताया कि चंद्रयान द्वारा भेजी गई तस्वीरों से चांद पर पानी और हवा की मौजूदगी का संकेत मिलता है। भले ही चंद्रमा की सतह आयरन से समृद्ध चट्टानों के लिए जानी जाती हो, वहां पानी और ऑक्सीजन की उपस्थिति ज्ञात नहीं है जो किसी लोहे के संपर्क में आकर उसमें जंग लगने के लिए दो आवश्यक तत्व हैं। 

मामले पर नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि संभव है कि पृथ्वी का अपना वातावरण इसमें सहायता कर रहा हो। यानी कि पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा की भी रक्षा कर रहा हो। चंद्रयान-1 के डेटा से संकेत मिलता है कि चंद्रमा के ध्रुवों पर पानी की मौजूदगी है। वैज्ञानिक इसी बात का पता लगाने में जुटे हुए हैं।

2021 के आरंभ में चंद्रयान-3 हो सकता है लांच

केंद्रीय मंत्री ने चंद्रयान-3 के बारे में बात करते हुए बताया है कि साल 2021 के शुरुआत में इसकी लांचिंग हो सकती है। बता दें कि चंद्रयान-3 एक तरह से चंद्रयान-2 का रिपीट मिशन होगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा हालांकि इसमें चंद्रयान-2 के तरह ही एक लैंडर और एक रोवर होगा। उन्होंने कहा, 'भारत अपना पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लॉन्चिंग की तैयारियों में लगा हुआ है। इस बाबत प्रशिक्षण प्रक्रिया व अन्य आवश्यक कार्य तेजी से चल रहे हैं। कोरोना के कारण इसमें थोड़ी बाधाएं आई लेकिन हम 2022 के अपने समयसीमा पर बने रहने का प्रयास कर रहे हैं।'