मध्यप्रदेश पुलिस ने बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुमशुदगी के पोस्टर लगाने के आरोप में कांग्रेस प्रवक्ता को गिरफ्तार किया है। रविवार को ग्वालियर के विभिन्न इलाकों में हाल ही में कांग्रेस से बागी हुए सिंधिया के गुमशुदा होने का पोस्टर लगाए गए थे जिसमें ढूंढ कर लाने वाले को 5100 रुपए इनाम देने की बात कही गयी थी। मामले पर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने पुलिस पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है।

दरअसल, रविवार सुबह कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने ग्वालियर के विभिन्न इलाकों में राजघराने के वारिस ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुमशुदगी के पोस्टर लगाए थे। पोस्टर में लिखा गया था कि कांग्रेस पार्टी में रहकर जो जनसेवा नहीं कर पा रहे थे उस गुमशुदा जनसेवक की तलाश है। उसमें आगे लिखा था कि जो कोरोना महामारी के समय में प्रवासी मजदूरों की आवाज न उठा सके, जिन्हें रोड पर उतरने का शौक था वे आज गुमशुदा हैं। इसके नीचे उन्हें तलाश कर लाने वाले को 5100 रुपए नगद इनाम देने की बात कही थी व कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत का नाम और मोबाइल नंबर लिखा हुआ था।

झांसी रोड थाना के इंचार्ज रमेश शाक्य ने बताया कि मोहित जाटव व राहुल गोयल द्वारा की गई एफआईआर के आधार पर कांग्रेस नेता सिद्धार्थ सिंह राजावत को आईपीसी की धारा 188 और 505 (1) (C) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने मध्यप्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए पुलिस के रवैए पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, 'जब पूर्व मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के दो अन्य नेताओं की गुमशुदगी के पोस्टर चिपकाए गए थे तब मध्यप्रदेश पुलिस की आंखें बंद थी। एक ही तरह के अपराध में पुलिस दोहरी रवैया अपना रही है। सिंधिया के पोस्टर चिपकाने के लिए गिरफ्तार किया गया है तो इसके पहले कमलनाथ के पोस्टर चिपकाने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?'

बता दें कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ और पूर्व विधानसभा स्पीकर व कांग्रेस नेता एनपी प्रजापति के भी ऐसे हीं पोस्टर्स लगाए गए थे पर किसी की गिरफ्तारी नहीं कि गयी थी।