नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। पूर्व बीसीसीआई चीफ के मुताबिक धोनी के कप्तानी के करियर में एक दौर ऐसा भी आया था जब टीम के चयनकर्ता उन्हें कप्तानी से हटाना चाहते थे, लेकिन श्रीनिवासन की पहल करने पर धोनी कप्तान बने रहे। 

मीडिया रिपोर्ट्स में श्रीनिवासन का एक बयान सामने आ रहा है जिसमें उन्होंने कहा है कि 2011 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज़ में 0-4 से हारने के बाद चयनकर्ता धोनी को बेदखल करना चाहते थे। चयनकर्ता यह चाहते थे कि टेस्ट सीरीज़ में मिली बुरी हार के बाद श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ में धोनी की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को कप्तान बनाया जाए। श्रीनिवासन का दावा है कि उन्होंने चयनकर्ताओं की आम राय होने के बावजूद अपनी शक्तियों का प्रयोग कर धोनी की कप्तानी बचाई थी।    

दरअसल 2011 में विश्वकप जीतने के बाद धोनी ने अपनी कप्तानी में आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स को भी जीत दिलाई थी। लेकिन इसके बाद ही अचानक धोनी का प्रदर्शन एक कप्तान के तौर पर अच्छा नहीं रहा। आईपीएल के बाद टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। वहां पर भी भारतीय टीम को 0-4 से मुंह की खानी पड़ी थी। फिर उसके बाद साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी टीम इंडिया को 0-4 से करारी हार मिली थी।       

श्रीनिवासन के मुताबिक साल 2012 में मोहिंदर अमरनाथ चयन समिति का हिस्सा थे और उन्होंने श्रीनिवास से धोनी की कप्तानी को लेकर सदस्यों के बीच सहमति न बनने के बारे में बताया था। लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष ने सर्वसम्मति से लिए गए फैसले को मंजूरी नहीं दी। उन्होंने कहा कि यहां कुछ पूर्वाग्रह दिखाई पड़ रहे थे, जो प्रदर्शित हुए। एमएस ने साल 1983 के बाद वर्ल्ड कप जिताया था और आप कह रहे हैं, 'मैं उन्हें वनडे कप्तान नहीं देखना चाहता।'

श्रीनिवासन ने कहा कि मैं सोचता हूं कि यह बहुत ही गलत बात थी लेकिन मैं अपनी बात पर अडिग रहा। एमएस एक शानदार शख्स और क्रिकेटर है। मुझे उन्हें नजदीक से जानने का मौका मिला और मैंने उनके साथ एक दशक से भी ज्यादा काम किया। मैंने अपने जीवन में बहुत से क्रिकेटरों को देखा है, लेकिन एममएस की योग्यता असाधारण है। उन्होंने हमेशा ही भारत और टीम के बारे में सोचा। ज्ञात हो श्रीनिवासन धोनी की आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक हैं।