नई दिल्ली। होटल स्टाफ से कथित तौर पर तिलक लगवाने से इनकार करने पर भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज और उमरान मलिक को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। ट्रोल इस घटना को धार्मिक कट्टरवाद की संज्ञा देकर दोनों तेज़ गेंदबाज खासकर सिराज के लिए अपमानजनक भाषा का उपयोग कर रहे हैं। इस कड़ी में अपनी भाषा से ज़हर उगलने के लिए कुख्यात सुरेश चव्हाणके ने भी वीडियो साझा कर दोनों खिलाड़ियों को धार्मिक तौर पर कट्टर करार दिया। हालांकि इस वायरल वीडियो की वास्तविकता कुछ और ही है।



दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भारतीय क्रिकेट दल के सदस्यों को होटल में प्रवेश करते देखा जा सकता है। अमूमन होटल में न सिर्फ भारतीय बल्कि दुनिया की तमाम टीमों के खिलाड़ियों का स्वागत तिलक लगा कर दिया जाता रहा है।



इसी दौरान के एक वीडियो में सिराज को तिलक लगाने से मना करता देख ट्विटर ट्रोल्स की भावनाएं आहत हो गईं। खुद को सनातनी होने का दंभ भरते हुए उन्होंने सिराज और उमरान मलिक को कट्टर इस्लामिक करार देना शुरू कर दिया। हालांकि उसी दौरान उनकी नज़र तिलक लगाने से मना करते हुए भारतीय क्रिकेट दल के अन्य हिंदू सदस्यों पर नहीं गई या उन्होंने जानबूझकर इस तथ्य को नज़रअंदाज़ कर दिया।





दरअसल उसी वीडियो में भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौर और विडियो एनालिस्ट हरी प्रसाद मोहन भी तिलक लगाने से मना करते दिखाई दे रहे हैं। इससे साफ़ है कि सिराज और उमरान के खिलाफ एक सुनियोजित प्रोपेगेंडा चलाया गया। वहीं दूसरी ट्विटर पर ही एक दूसरा पक्ष दोनों गेंदबाजों के समर्थन में आ खड़ा हुआ और वह इसे संविधान द्वारा दिए गए स्वतंत्रता से जोड़ने लगा। एक धड़े का यह मानना भी है कि अगर दोनों ही गेंदबाजों ने मुस्लिम होने के चलते भी तिलक न लगवाया हो तो इससे किसी को क्या समस्या होनी चाहिए? 



हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय क्रिकेटर को उसके धर्म की वजह से टारगेट किया गया हो। 2021 टी20 विश्व कप के दौरान पाकिस्तान से मुक़ाबला हारने के बाद मोहम्मद शमी को उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया था। इसके बाद खुद तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने ट्रोल्स को मुंहतोड़ जवाब दिया था। पिछले वर्ष ही एशिया कप के दौरान तेज़ गेंदबाज अर्शदीप सिंह के खराब प्रदर्शन के कारण को भी ट्विटर पर ट्रोल किया गया। उन्हें ट्रोल्स खालिस्तानी तक बताने पर आमादा हो गए थे।