नई दिल्ली। भारत में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली बहुचर्चित इंडियन सुपर लीग का आयोजन इस दफा बिना दर्शकों के साथ होने वाला है। इस वजह से टिकटों की बिक्री नहीं होने के साथ साथ आय के स्रोतों में कमी आएगी। टीम मालिकों ने इसके लिए फुटबाल एसोसिएशन से फ्रेंचाइजी फीस घटाने की मांग की है। 

इस दफा बंद दरवाजों के बीच होने वाले आईएसएल के संबंध में टीम मालिकों ने फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड से फ्रेंचाइजी फीस घटाने की मांग की है। टीम मालिकों की मांग है कि लीग के इस संस्करण में आय के सीमित और न्यूनतम स्रोतों को दृष्टिगत रखते हुए फ्रेंचाइजी फीस घटा दी जाए। अगर एफएसडीएल टीम मालिकों के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर देती है, तो इससे टूर्नामेंट में होने वाले घाटे में कमी आएगी। 

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक वर्तमान में लीग की ज़्यादातर टीमों को हर संस्करण में लगभग 30 करोड़ का घाटा होता है। टीमों के पास आय का एकमात्र साधन सेंट्रल पूल से मिलने वाला राजस्व है। जिससे प्रत्येक टीम को लगभग 13 करोड़ के आसपास आमदनी होती है। लेकिन यह रकम भी तब बराबर हो जाती है जब टीम मालिकों को फ्रेंचाइजी फीस देनी होती है।एक अनुमान के मुताबिक लीग के हर संस्करण में प्रत्येक टीम को 13 से 16 करोड़ रुपए देने होते हैं। 

कयास लगाए जा रहे हैं कि आईएसएल इस बार केवल एक राज्य गोवा में ही आयोजित होगा। इसका आयोजन नवंबर से लेकर अगले साल के मार्च के महीने तक होगा। पूरा टूर्नामेंट बंद दरवाजों बीच होना है। ऐसे में टिकटों से होने वाली आय इस बार नहीं होगी। ऐसे में लीग की टीमों पर आर्थिक तंगहाली छाने की आशंका है।