नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश की महिला क्रिकेटर नाडा द्वारा किए गए डोप टेस्ट में फेल पाई गई है। अंशुला राव के यूरिन सैंपल में खेल के प्रदर्शन को बढ़ाने वाला पदार्थ पाया गया है। बीसीसीआई के नाडा के दायरे में आने के बाद से यह पहला मौका है जब कोई क्रिकेटर डोप टेस्ट में फेल हो गया है। 

इसी वर्ष मार्च महीने में मध्य प्रदेश की सीनियर टीम की खिलाड़ी अंशुला राव का बड़ौदा में सैंपल लिया गया था।सैंपल की रिपोर्ट में उन्हें 19-नोरान्ड्रॉस्टेरॉन के सेवन का दोषी पाया गया है। यह ऐसा स्टेरॉइड है, जो एनाबोलिक-एंड्रोजेनिक (AAS) हार्मोन को प्रभावित करता है। नाडा ने अंशुला राव को फिलहाल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि महिला क्रिकेटर पर कितने समय का प्रतिबन्ध लगेगा, उस पर अभी कोई फैसला या किसी तरह की घोषणा नहीं हुई है।

भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड के नाडा के दायरे में आने के बाद यह पहला मौका है जब किसी भी स्तर का कोई खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हुआ हो। बीसीसीआई पिछले वर्ष ही नैशनल एंटी डोपिंग टेस्ट एजेंसी (नाडा) के दायरे में आया है। इससे पहले स्वीडन की इंटरनैशनल डोपिंग टेस्ट मैनेजमेंट (IDMT) बोर्ड को खिलाड़ियों का डोप टेस्ट कर के देती थी।      

पिछले साल ही जून महीने में भारतीय बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ डोप टेस्ट में फेल हुए थे। जिसके बाद युवा बल्लेबाज़ पर 8 महीने का प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। इससे पहले  तेज़ गेंदबाज़ प्रदीप सांगवान और तूफानी बल्लेबाज़ युसूफ पठान भी डोप टेस्ट में फेल हो चुके हैं।