मुंबई। नाइकी के बाद अब जर्मनी की फुटवियर कंपनी प्यूमा भारतीय क्रिकेट टीम की किट को स्पॉन्सर कर सकती है। नाइकी का भारतीय क्रिकेट टीम की किट स्पॉन्सरशिप का करार अगले महीने समाप्त हो रहा है। ऐसे में भातीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड को इंडियन टीम के लिए नए प्रायोजक की तलाश है। क्रिकेट टीम की किट स्पॉन्सरशिप पाने की होड़ में एडिडास भी शामिल है।    

समाचार एजेंसी पीटीआई को बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जर्मन फुटवियर कंपनी प्यूमा ने प्रायोजन अधिकार खरीदने के लिए आईटीटी ( निविदा आमंत्रण ) दस्तावेज़ खरीद तो लिए हैं लेकिन फिलहाल यह बात स्पष्ट तौर पर नहीं कही जा सकती कि प्यूमा क्रिकेट किट के लिए बोली निश्चित तौर पर लगाएगी। हालांकि ख़बरों की मानें तो प्यूमा ने क्रिकेट किट स्पॉन्सरशिप खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है।

एडिडास भी दौड़ में शामिल 
टीम इंडिया की क्रिकेट किट स्पॉन्सरशिप हासिल करने की दौड़ में एडिडास भी शामिल है। एडिडास के क्रिकट किट स्पॉन्सरशिप की बोली लगाने की अटकलें भी लगाईं जा रही हैं। दूसरी तरफ अटकलें यह भी हैं कि प्यूमा मर्केन्डाइस उत्पादों के लिए स्वतंत्र रूप से बोली लगा सकती है। जिसके लिए अलग टेंडर होंगे।उत्पादों की बिक्री इस पर भी निर्भर करती है कि कंपनी के कितने एक्सक्लूसिव स्टोर या बिक्री केंद्र हैं।प्यूमा के 350 से ज्यादा एक्सक्लूसिव स्टोर हैं, जबकि एडिडास के 450 से ज्यादा आउटलेट हैं।     

क्या नाइकी दोबारा बोली लगाएगी ?    
नाइकी ने टीम इंडिया क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप के लिए 2016 में बोर्ड करार किया था। करार के मुताबिक़ नाइकी ने 2016 से 2020 तक स्पॉन्सरशिप के लिए 370 करोड़ रुपए भुगतान किए थे। इसमें रॉयल्टी की राशि शामिल नहीं है। रॉयल्टी तकरीबन 30 करोड़ के आसपास मानी जा रही है। बोली लगाने की रेस में प्यूमा और एडिडास के नाम सामने आने के बाद बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर नाइकी इस बार क्रिकेट टीम की किट का प्रयोजन करने में दिलचस्प क्यों नज़र नहीं आ रही है? दरअसल ऐसा स्पॉन्सरशिप की कम बोली लगाने के ऊपर बोर्ड और कंपनी के बीच पनपे विवाद को लेकर हो रहा है। ख़बरों की माने तो नाइकी किट के लिए कम बोली लगाने के पक्ष में है जिसके लिए बोर्ड राज़ी नहीं है।