रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर हाथियों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कोरबा जिले के कटघोरा फारेस्ट रेंज स्थित गांवों में हाथियों ने दर्जनों कच्चे मकानों को तोड़ दिया है। 7 हाथियों के झुंड ने गांव पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। कई ग्रामीणों के घर पूरी तरह से टूट गए। इलाके के लोग जान बचाने के लिए घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। दरअसल इनदिनों धान हाथी खेतों की ओर आकर्षित होते हैं। जिससे लोगों के जान माल और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

खबरों की मानें तो 8-9 हाथियों का एक दल कोरिया के मनेंद्रगढ़ फारेस्टरेंज के जनकपुर में भी हाथियों आतंक फैला दिया। हाथियों ने धान की फसल रौंद दी। इसकी खबर पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथियों का मूवमेंट जंगल की ओर करने की कवायद की। वहीं सरगुजा के मैनपाट इलाके में हाथियों ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। पिछले 2 साल में 46 लोगों की मौत हुई है। जबकि करीब 950 घरों को हाथियों ने तोड़कर तहस-नहस कर दिया है। वन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार सरगुजा में 413, बलरामपुर जिले में 153, कोरिया जिले में 26 कच्चे मकानों को हाथियों ने कुचला है। 

वहीं अगस्त के शुरुआत में भी सरगुजा के मैनपाट में हाथियों लोगों के घरों पर हमला किया था। हाथियों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया था। हाथियों ने इलाके के कई कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा दिया था। जिसकी वजह से ग्रामीणों को अपना घर छोड़ना पड़ा था।

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भारी वर्षा के बीच घर टूटने से परेशान ग्रामीणों को तिरपाल के नीचे रहना पड़ा वहीं कुछ लोग स्कूल में लगे कैंप में रहने को मजबूर हो गए थे।