रायपुर। चंदखुरी में कौशल्या जन्म स्थल को लेकर अब नया विवाद सामने आया है। बीजेपी नेता अजय चंद्राकर ने कहा है कि चंदखुरी माता कौशल्या का जन्म स्थल नहीं है, राज्य की भूपेश सरकार सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा कर रही है। चंद्राकर के इस बयान पर कांग्रेस के विकास तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो बीजेपी नेता राम मंदिर के नाम पर चंदा लिया करते थे, वही आज माता कौशल्या की जन्मस्थली को विवादित बता रहे हैं। 

सनातन धर्म और राम भक्तों का अपमान कर रही बीजेपी: विकास तिवारी  

विकास तिवारी ने अजय चंद्राकर के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसे बयान दे कर बीजेपी के कमीशनखोर नेता सनातन धर्म और राम भक्तों का अपमान कर रहे हैं। तिवारी ने कहा कि खुद सागर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केडी वाजपेयी ने बिलासपुर के पास कोसला में सिक्का मिलने पर उसे कोसल की राजधानी बताया है। 1975 में प्रोफेसर रमेंद्र नाथ मिश्र ने चंदखुरी में कौशल्या माता के मंदिर की खोज की थी। उसके बाद से ही चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मस्थली माना जाने लगा। तिवारी ने कहा कि अब बीजेपी नेता अनर्गल बयानबाज़ी कर हिन्दू धर्म का खुला अपमान करने पर तुले हुए हैं। 

अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं भूपेश बघेल : चंद्राकर 

इससे पहले बीजेपी नेता अजय चंद्राकर ने कहा था कि चंदखुरी माता कौशल्या की जन्म स्थली नहीं है। सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए सीएम भूपेश बघेल नया इतिहास लिख रहे हैं। अजय चंद्राकर ने कहा कि भगवान राम के वनवास को लेकर भी वो जगह संबंधित नहीं है। छत्तीसगढ़ के इतिहासकारों ने यह माना है कि कौशल्या जांजगीर के कोसला जनपद की थीं, जो उत्तर कोशल के राजा से ब्याही गईं थी। चंदखुरी में मंदिर है मगर वो जन्म स्थान नहीं है। चंद्राकर ने कहा कि ऐसा करके भूपेश बघेल और उनकी सरकार अपनी राजनीति चमकाने में लगी हुई है। दरअसल राज्य सरकार चंदखुरी को माता कौशल्या का जन्म स्थान मानकर वहां कई तरह के प्रोजेक्ट विकसित कर रही है।