छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में 3 इनामी नक्सलियों समेत 25 नक्सली समर्थकों ने एक साथ सरेंडर किया। नक्सलियों ने दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव और कलेक्टर दीपक सोनी के सामने सरेंडर किया ।

दरअसल पुलिस और जिला प्रशासन नक्सलियों के खिलाफ ‘लोन वर्राटू’ याने घर वापसी अभियान चला रहा है। गुरुवार को कुआकोंडा थाने में इसी अभियान के तहत नक्सलियों ने सरकार की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला  लिया है। नक्सलियों ने विकास का साथ देने की शपथ भी ली है। गौरतलब है कि पिछले 15 दिन में अंदर ही 56 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

नक्सली समर्थकों में डीकेएमएस अध्यक्ष, जनमिलिशिया अध्यक्ष पर एक-एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था। बाकी जनमिलिशिया सदस्य, ग्राम कमेटी, डीकेएमएस सदस्य, स्तर के नक्सली समर्थक थे। उदेला, माहराकरका, किडरीरास, मोलसनार गांव में सभी समर्थक नक्सलियों के लिये सक्रियता से काम कर रहे थे। नक्सलियों पर हत्या, लूट, सड़क खुदाई और विकास कार्यो में बाधा डालने का आरोप था। नक्सलियों को 2-2 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई।

दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने जानकारी दी है कि लोन वर्राटू अभियान को जिले समर्थन मिल रहा है।  नक्सलियों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। जिससे क्षेत्र का विकास हो सके। पशुपालन, दुकान, पूना माड़ाकाल योजना, मनरेगा के तहत सभी को काम दिया जाएगा।  

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने उम्मीद जताई है कि वक्त में भी विकास-विश्वास और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर लोन वर्राटू अभियान को और सफलताएं मिलेगी। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान से नक्सली भयभीत हैं।

इनदिनों दंतेवाड़ा पुलिस जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही है, जिसका व्यापक असर नक्सलियों की बौखलाहट के रूप में भी दिख रहा है। हाल में ही एक जवान में रिश्तेदार की हत्या किरन्दुल इलाके के गुनियापाल में नक्सलियों ने की थी, साथ ही एक जवान के माता-पिता को भी अगवा कर लिया था। मगर बाद में ग्रामीणों के दबाव के चलते रिहा कर दिया था। इन सबके बावजूद भी ग्रामीण खुलकर जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं।