उन्होंने लिखा है कि आज करोड़ों राम भक्तों का सपना साकार हो गया है। बेहद शुभ मुहूर्त में राम मंदिर का भूमि पूजन संपन्न हुआ, श्री राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो गया।
छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वनवास काल से संबंधित स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित कर रही है। माना जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम ने कोरिया जिले से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। भरतपुर तहसील के जनकपुर में स्थित सीतामढ़ी-हरचौका को उनका पहला पडा़व माना जाता है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट मे लिखा था कि ‘लंका कूच से पहले जिस तरह रामेश्वरम् में भगवान श्रीराम ने शिवलिंग स्थापित कर पूजा-अर्चना की थी, उसी तरह उत्तर से दक्षिण भारत में प्रवेश से पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ के रामपाल नाम की जगह में भी शिवलिंग स्थापित कर आराधना की थी।’
रामपाल बस्तर जिले में स्थित है, जहां प्रभु राम द्वारा स्थापित शिवलिंग आज भी विद्यमान है। दक्षिण प्रवेश से पूर्व प्रभु राम ने रामपाल के बाद सुकमा जिले के रामाराम में भूदेवी की आराधना की थी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन ने अब दोनों स्थानों को भी अपने नये पर्यटन सर्किट में शामिल कर उनके सौंदर्यीकरण और विकास की योजना तैयार कर ली है, शीघ्र ही प्रभु राम के स्थान रहे इन दोनों पवित्र स्थलों पर भी कार्य प्रारम्भ होगा।