रायपुर। छत्तीसगढ़ के एक प्रवासी मजदूर को केरल में बांग्लादेशी समझकर बुरी तरह से पीटा गया। भीड़ तब तक श्रमिक को पीटती रही, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के करही गांव निवासी रामनारायण लगभग एक हफ्ते पहले मजदूरी करने के लिए केरल के पल्लकड़ जिले गए थे। वहां काम की तलाश कर रहे थे जब वह भीड़ के हत्थे चढ़ गए।

मामला केरल के पल्लकड़ जिले वालैयार थाना क्षेत्र का है। यहां कुछ स्थानीय लोगों ने 17 दिसंबर की दोपहर 3 से 4 बजे से बीच रामनारायण को घेर लिया। बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर उन पर मारपीट की गई। पिटाई के कारण रामनारायण की मौत हो गई। रामनारायण को हाथ-मुक्के से जमकर पीटा गया था।

केरल पुलिस के अनुसार, मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। असहनीय दर्द होने के कारण उनकी मौत हो गई। मारपीट में मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। इसके अलावा शरीर पर कई तरह के घाव बन गए थे। वालैयार थाने में आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सरकार की तरफ से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा नहीं की गई है।

मृतक के परिजनों ने केरल सरकार या पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक मुआवजे की घोषणा न होने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और शव को पैृतक गांव तक पहुंचाने की मांग की है। मृतक के परिजन घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं, ताकि कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शव को वापस लाने की व्यवस्था कर सके। वहीं केरल पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पालक्काड जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।