नई दिल्ली। सेडान और हैचबैक जैसी छोटी कारों को पसंद करने वाले भारतीय ग्राहक अब तेजी से एसयूवी पर शिफ्ट करने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में भारतीय कार मार्केट में एसयूवी की हिस्सेदारी में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। स्थानीय बाजारों में बिकने वाली कारों का आंकड़ा देखा जाए तो देश के यात्री वाहन बाजार में पिछले साल एसयूवी की हिस्सेदारी जो 29 फीसदी थी वह अब बढ़कर 35 फीसदी तक जा पहुंची है।

यानी कि अब देश में बिकने वाले प्रत्येक तीन कारों में 1 से अधिक एसयूवी शामिल हैं। उद्योग जगत के अनुमान के मुताबिक वर्तमान कैलेंडर वर्ष (साल 2021 के पहले पांच महीनों) में अबतक 5 लाख एसयूवी बेचे जा चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर से गुजर रहे भारत में लोगों का एसयूवी प्रेम हैरान करने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2020 के पूरे 12 महीनों में महज 7 लाख स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUVs) बेची गई थी।

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केवल साल 2021 के मई महीने की बात की जाए तो कार बाजार में 48.5 फीसदी बिक्री एसयूवी कारों की हुई है। इसका कारण यह है कि भारतीय ग्राहक अब रोजाना ऑफिस जाने से लेकर परिवार के साथ लंबे ट्रिप पर जाने के लिहाज से एसयूवी को पसंद कर रहे हैं। इन कारों में महिंद्रा स्कार्पियो, हुंडई क्रेटा, मारुति ब्रेजा जैसी कारों की संख्या सर्वाधिक है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर के जानकारों का मानना है कि भारतीय कस्टमर्स को अब लगने लगा है कि एसयूवी उनके लिए ज्यादा उपयोगी है। इसका मुख्य कारण यह है कि सेडान और हैचबैक की तुलना में एसयूवी ज्यादा स्पेशियस है यानी एसयूवी में ज्यादा जगह होती हैं। इसके साथ ही SUVs की ग्राउंड क्लीयरेंस भी ठीक होती है साथ ही भारतीय सड़कों के हिसाब से ये ज्यादा आरामदेह भी हैं।