साल 2023 नौकरीपेशा खासकर IT पेशेवरों के लिए बुरा साबित हो रहा है। वैश्विक मंदी की आशंका के बीच दुनियाभर की कंपनियों में बड़े स्तर पर छंटनी हो रही है। सबसे बुरे हालात अमेरिकी टेक जिएंट्स की है। इन कंपनियों में बीते साल के आखिर से ही छंटनी शुरू हो गई जो कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। इसका सबसे अधिक खामियाजा भारतीय आईटी पेशेवरों को उठाना पड़ रहा है। इसी बीच फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान किया है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार मेटा प्लेटफॉर्म ने बुधवार को मैनेजर को छंटनी पर काम करने का आदेश दे दिया हैमेटा के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में कहा था कि मेटा अपने खर्च को कम करने कोशिश कर रही है। मेटा ने इस दौर की छंटनी में कुल 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर ली है। मार्च में मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने यह ऐलान किया था कि कंपनी 10,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है। ऐसे में मई में एक और दौर की छंटनी का ऐलान किया जाएगा।

मेटा नवंबर में पहले ही अपने लगभग 13 फीसदी वर्कफोर्स या लगभग 11,000 नौकरियों में कटौती कर चुका है। सिलिकॉन वैली में मौजूद सभी टेक कंपनियों के जैसे मेटा ने भी हायरिंग पर काफी पहले से रोक लगाया हुआ है। Meta का लक्ष्य अपनी टीम को छोटा करना और टेक्नोलॉजिस्ट, इंजीनियरों और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ के बीच संतुलन बनाए रखना है। Meta के छंटनी में जिन लोगों की नौकरी नहीं जाएगी उनके रोल को भी बदला जाएगा और उन्हें नए मैनेजर के अंदर काम करने को कहा जाएगा।

दरअसल, हाल के दिनों में दुनियाभर में छाई मंदी के बादल के बाद बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां छंटनी का दौर चला रही हैं। कर्मचारियों की नौकरी पर संकट बना हुआ है। बीते कुछ महीनों में बड़ी कंपनियों में हुई अंधाधुंध छंटनी के कारण भारत में कम से कम 50 हजार लोग बेरोजगार हुए हैं। layoff.fyi.के रिपोर्ट के मुताबिक कई कंपनियों ने तो अपने 100 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। वहीं, अधिकांश कंपनियों ने 70 फीसदी तक वर्क फोर्स घटाया है। पिछले 6 महीनों के भीतर अमेजन 27 हजार, फेसबुक ने 11 हजार, गूगल 12 हजार और माइक्रोसॉफ्ट 11 हजार लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है।