भोपाल। पाकिस्तानी आतंकियों के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने के बाद पूरे देश में जोश और उत्साह का माहौल है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में तमाम विपक्षी दलों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केंद्र सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है। भारतीय सेना के सम्मान में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को देशभर में तिरंगा यात्रा निकाली गई। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित तिरंगा यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और आमजन मौजूद रहे।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भोपाल में कांग्रेस की तिरंगा यात्रा रेडक्रॉस हॉस्पिटल के सामने शिवाजी महाराज चौराहे से शौर्य स्मारक तक निकली। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक बात साबित हो चुकी है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण देता रहा है। हमें इस बात का गर्व है कि हमारे देश की इंटेलिजेंस और रॉ ने सही तरीके से आतंकियों के ठिकानों को चिह्नित किया और हमारा निशाना सही जगह पर लगा है।
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि आतंकी हमला हमारे देश पर हुआ है। उसे जवाब देने का काम हमारी सेना ने किया है। जो हमारे देश के खिलाफ आंख उठाने का काम करेगा, उसका वही हश्न होगा जो आज हमारी सेनाओं ने किया है। इस दौरान भोपाल मध्य क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि पाकिस्तान की यह कायराना हरकत थी। आज देश की सेनाओं ने करारा जवाब दिया है। पूरा देश सेनाओं के साथ है। पाकिस्तान सुधर जाए नहीं तो बर्बाद हो जाएगा
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना के पराक्रम के आगे पाकिस्तान को लगातार मुंह की खानी पड़ रही है। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने बीती रात पाकिस्तान की ओर से किए गए सभी हमलों को नाकाम कर दिया। इस कार्रवाई को लेकर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम 5.30 बजे पाकिस्तान के साथ तनाव पर लगातार तीसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 8-9 मई की मध्य रात्रि को पाकिस्तानी सेना ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के इरादे से भारतीय युद्ध क्षेत्र में कई बार हमला किया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 36 स्थानों पर घुसपैठ का प्रयास किया गया। करीब 300-400 ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इनका मकसद खुफिया और वायु रक्षा प्रणालियों की जानकारी लेना था। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि तुर्किये के ड्रोन थे। इनकी जांच की जा रही है। भारतीय सेनाओं ने इन्हें नष्ट कर दिया। एक यूएवी भी मूवमेंट कर रही थी, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया।