नई दिल्ली। अमेरिका में पनपे बैंकिंग संकट ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। अमेरिका की प्रमुख बैंकों की लिस्ट में शुमार सिलिकॉन वैली बैंक पर ताला जड़ दिया गया है। जिसके बाद से ही इसका असर दुनिया भर में दिख रहा है।

शुक्रवार को बैंकिंग सेक्टर के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह अमेरिकी नियामक द्वारा सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करना रही। यह बैंक तकनीकी स्टार्ट अप के लिए कर्ज़ मुहैया कराता है। 

दरअसल कैलिफोर्निया में वित्तीय संकट शुरू होने की चपेट में सिलिकॉन वैली बैंक भी आ गया। जिसके बाद जमाकर्ताओं के धन को सुरक्षित करने के लिए कैलिफोर्निया की बैंकिंग नियामक इकाई ने इस बैंक को बंद करने का फैसला किया। नियामक इकाई ने इस बैंक के 210 अरब डॉलर की संपत्ति को बेचने का फैसला किया है। 

एसवीबी पर ताला जड़ने का असर दुनिया भर में देखा गया। यूरोप सहित दुनिया भर के शेयर बाज़ार में बैंकिंग सेक्टर के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को स्टैंडर्ड एंड पुअर्स बैंकिंग इंडेक्स 6.6 फीसदी गिरा था जबकि शुक्रवार को इसमें 0.6 गिरावट दर्ज की गई। जेपी मॉर्गन चेज़ और और बैंक ऑफ अमेरिका ने भी शुक्रवार ने भी मिलाजुला कारोबार किया। आने वाले दिनों में बैंकिंग सेक्टर से जुड़े शेयर्स में और भी गिरावट दर्ज किए जाने की आशंका है। 

दूसरी तरफ़ सिलिकॉन वैली बैंक पर ताला जड़ने का बुरा असर भारत भी देखा जा सकता है। भारत में कई स्टार्ट अप ऐसे हैं, जिनमें इस बैंक ने निवेश कर रखा है। स्टार्ट अप से संबंधित आंकड़े जुटाने वाली संस्था ट्रैक्सन डेटा के अनुसार, इस बैंक ने भारत के करीब 21 स्टार्ट अप में निवेश कर रखा है। इसके अलावा पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशंस, नापतोल में भी इस बैंक का निवेश है। ऐसे में एसवीबी बैंक का डूबना भारत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।