13 जून को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। सेंसेक्स करीब 900 अंकों की गिरावट के साथ 80,800 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, वहीं निफ्टी भी लगभग 250 अंक टूटकर 24,600 के पास पहुंच गया है। सेंसेक्स के सभी 30 स्टॉक्स में गिरावट आई है और खासतौर पर बैंकिंग, ऑटो, आईटी और ऑयल-गैस सेक्टर के शेयरों में ज्यादा नुकसान हुआ है। एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद एविएशन सेक्टर भी दबाव में रहा, जिससे इंडिगो के शेयर 4% और स्पाइसजेट 3% तक लुढ़क गए। इसके अलावा, टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर भी नुकसान में रहे।

बाजार में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह इजराइल द्वारा ईरान पर किया गया हमला है। इस सैन्य कार्रवाई के चलते निवेशकों में चिंता बढ़ गई है और उन्होंने बड़ी मात्रा में शेयर बाजार से पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है कि यह हमला ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य ठिकानों पर किया गया है, जिससे मिडिल ईस्ट में युद्ध का खतरा और गहरा गया है। इस तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भी जोरदार उछाल देखा गया है। ब्रेंट क्रूड 10% से ज्यादा चढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है, जो भारत जैसे आयात-निर्भर देशों के लिए चिंता की बात है, क्योंकि इससे महंगाई और बढ़ सकती है।

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एशियाई बाजारों पर भी इस भू-राजनीतिक तनाव का असर पड़ा है। जापान का निक्केई, कोरिया का कोस्पी, हॉन्गकॉन्ग का हैंगसैंग और चीन का शंघाई कंपोजिट सभी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिका के बाजारों में बीते दिन हल्की तेजी रही थी।

इसी बीच पंप और मोटर निर्माता कंपनी ओसवाल पंप्स का IPO भी आज से खुला है, जिसमें निवेशक 17 जून तक आवेदन कर सकते हैं। कंपनी ₹1,387.34 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें ₹890 करोड़ के फ्रेश इश्यू और ₹497.34 करोड़ के OFS शामिल हैं। इसके शेयर 20 जून को शेयर बाजार में लिस्ट होंगे।

गौरतलब है कि 12 जून को भी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी, जहां सेंसेक्स 823 अंक टूटकर बंद हुआ था। लगातार दूसरे दिन बाजार में गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।