मुंबई। अपने अभिनय से करोड़ों दिलों में जगह बनाने वाले शाहरुख खान आज 55 साल के हो गए हैं। शाहरुख के जन्मदिन पर हर साल उनके आलीशान घर मन्नत के बाहर हज़ारों की संख्या में फैंस पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना के कारण इस साल शाहरुख अपने फैंस से वर्चुअली रूबरू होंगे।

आज शाहरुख खान की गिनती दुनिया के सबसे कामयाब और दौलतमंद अभिनेताओं में होती है। लेकिन बॉलीवुड के किंग खान के लिए दौलत और शोहरत का ये सफर इतना आसान नहीं था। 

एंटी हीरो जो हीरो बन गया

शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी। फौजी में शाहरुख खान के अभिमन्यु राय का किरदार घर-घर में पहुंच चुका था। लेकिन शाहरुख खान की पहली फिल्म दीवाना 1992 में रिलीज़ हुई। फिल्म सुपरहिट हुई। लेकिन शाहरुख को असली पहचान उनके निगेटिव किरदारों से मिली।

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बॉलीवुड के पर्दे पर शाहरुख ने न सिर्फ एंटी हीरो का किरदार निभाया, बल्कि इन्हीं किरदारों की बदौलत उन्होंने दर्शकों के दिल में जगह बना ली।अपने करियर के शुरुआती दौर में डर, बाज़ीगर और अंजाम जैसी फिल्मों में एंटी हीरो का किरदार में भी वो सुपरहिट हो गए। क्योंकि उन्होंने दर्शकों के सामने एक नए तरह के हीरो का चित्रण किया, जो हकलाता था, डरता था, उसमें सुपरपावर जैसी क्षमता नहीं थी, बल्कि वो सामान्य किस्म का इंसान हुआ करता था। शाहरुख की चुनौती बड़ी थी क्योंकि नकारात्मक किरदारों का असर पूरे करियर पर होने की वजह से लोग आमतौर पर वो नहीं करना चाहते जो शाहरुख ने किया और सफल रहे। लोगों ने कककक.. किरण यानी हकलानेवाले उनके डायलॉग को खूब कॉपी किया।

इस फिल्म से हुआ किंग ऑफ रोमांस का जन्म  

लेकिन निगेटिव किरदार निभाने वाले शाहरुख देखते ही देखते रोमांस के बादशाह बन गए। 1995 में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे रिलीज हुई और शाहरुख ने बॉलीवुड के पर्दे पर खुद को रोमांस के किंग के तौर पर स्थापित कर लिया। शाहरुख की यह फिल्म दुनियाभर में सबसे ज़्यादा दिनों तक चलने वाली फिल्म है। मुंबई के मराठा मंदिर में यह फिल्म 1000 हफ्तों तक चली थी। 

रोमांटिक फिल्मों के अलावा शाहरुख ने अपनी रोमांटिक छवि से इतर भी कई सुपरहिट फिल्में की हैं। चक दे इंडिया, माय नेम इज़ खान और स्वदेस जैसी फिल्में आज भी दर्शकों काफी पसंद आता है।

निजी ज़िंदगी भी फिल्मी कहानी से कम नहीं 

शाहरुख खान आज रोमांस के बादशाह के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन खुद शाहरुख की निजी ज़िंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। दरअसल शाहरुख की ज़िंदगी में एक ऐसा समय आया था जब उनकी पत्नी गौरी उन्हें छोड़कर मुंबई चली गई थीं। तब शाहरुख दिल्ली में ही रहा करते थे। शाहरुख गौरी को ढूंढते ढूंढते मुंबई तक आ गए। 

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शाहरुख खान ने खुद एक इंटरव्यू में इस पूरे घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए बताया है कि गौरी मेरे रवैए से परेशान होकर मुंबई आ गई थीं। मैं भी उसके पीछे पीछे मुंबई पहुंच गया था। लेकिन मुंबई में मुझे उसका ठिकाना मालूम नहीं था। मुझे पता था कि उसको बीच बहुत पसन्द हैं। इसलिए वो बीचों पर ज़रूर जाती होगी। ऐसे ही एक दिन वो ढूंढते ढूंढते मुझे किसी बीच पर मिल गई।

शाहरुख खान के वैवाहिक जीवन पर अंतरजातीय संबंध की छाया भी रही। गौरी पंजाबी ब्रहामण थीं। लिहाज़ा गौरी के माता पिता अपनी बेटी की शाहरुख से शादी नहीं करवाना चाहते थे। लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद गौरी के माता पिता आखिर दोनों की शादी के लिए मान गए।  

विवादों के बादशाह भी रह चुके हैं शाहरुख खान 

अपने करियर में शाहरुख खान का पाला कई विवादों से पड़ा। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सिक्योरिटी गार्ड से बदतमीजी करने के चलते वानखेड़े स्टेडियम में शाहरुख के प्रवेश पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। फिल्म निर्देशक फराह खान के पति शिरीश कुंदर को थप्पड जड़ने वाले कांड ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। सलमान खान से उनका कोल्ड वॉर भी लम्बे समय तक चला। लेकिन सभी विवादों के बावजूद शाहरुख अपने प्रशसंकों के दिलों पर छाए रहे।

शाहरुख खान को लेकर उनके प्रशंसकों में दीवानगी किस हद तक है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि जब हाल ही में एक हिन्दी न्यूज चैनल ने ड्रग्स मामले में शाहरुख खान का नाम लिया, उसके तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर उस चैनल को बॉयकॉट करने की मांग उठने लगी। ट्विटर पर कुछ ही देर में उस चैनल को बहिष्कृत करने की मांग ट्रेंड करने लगी।