रायपुर। कोरोना से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार ने प्रदेश के किसानों से करीब 100 लाख टन धान की खरीद करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) प्रदेश के किसानों से धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगा। इसके लिए 9 हजार करोड़ की राशि आवंटित की गई है। छत्तीसगढ़ में यह खरीद एक दिसंबर से शुरू होगी।

इस सीजन में छत्तीसगढ़ में लगभग 110 लाख टन धान उत्पादन होने की उम्मीद जताई गई है। जिसमें करीब 100 लाख टन धान केंद्र सरकार खरीदेगी। पहले छत्तीसगढ़ से केवल 60 लाख टन धान की खरीद होनी थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 100 लाख टन कर दिया गया है।

राज्य और केंद्र का विवाद होगा समाप्त

केंद्र के इस फैसले से छत्तीसगढ़ सरकार की एक बड़ी समस्या हल हो गई है। गौरतलब है कि बीते कई सालों में केंद्रीय पूल में कम खरीद होने से प्रदेश में बड़ी मात्रा में धान रह जाता था। जिसे लेकर केंद्र और राज्य में विवाद की स्थिति बन जाती थी। पिछले सीजन में करीब 31 लाख टन धान राज्य के पूल में बच गया था। जिसके बाद उसके उपयोग के लिए सरकार ने एथेनॉल प्लांट लगाने जैसे उपाए शुरू किए हैं।

 छत्तीसगढ़ के 19 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

केंद्र इस खरीफ सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करीब 30 लाख टन ज्यादा धान खरीदी करेगा।  जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने धान खरीदी के लिए किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरु कर दी है। प्रदेश में इस सीजन में करीब 19 लाख किसानों से धान की खरीदी होनी है।

छत्तीसगढ़, हरियाणा और तेलंगाना में देश का 75% धान उत्पादन होता है

केंद्र सरकार ने देश में धान उत्पादन वाले प्रमुख राज्यों में एमएसपी के तहत धान खरीदी के आदेश दिए हैं। ये तीन राज्य हैं छत्तीसगढ़, हरियाणा और तेलंगाना यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होगी। देश का 75 प्रतिशत धान उत्पादन इन्ही राज्यों में होता है। केंद्र सरकार की ओर से सबसे ज्यादा 9 हजार करोड़ का राशि छत्तीसगढ़ के लिए मंजूर की गई है। वहीं हरियाणा को 5444 करोड़ रुपए और तेलंगाना के लिए 5500 करोड़ स्वीकृत हुए हैं। गौरतलब है कि देश के कई राज्यों जैसे केरल, पंजाब और हरियाणा में पहले से ही धान की खरीद का काम पहले से ही शुरू हो चुका है।

केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने खरीफ सीजन में 28 सितम्बर से धान की खरीद के लिए सभी राज्यों को अनुमति दी है। केंद्र सरकार के इस आदेश से किसान एमएसपी पर अपनी फसलों को बेच सकेंगे। केंद्र ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को यह जिम्मेदारी सौंपी है।