रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में सूखे के हालत के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने प्रति एकड़ 9 हजार रुपए की मदद का ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले से किसानों में आशा की किरण जाग गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस मदद के ऐलान का स्वागत किया है। प्रदेश में सूखे की स्थिति होने की वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी थी। लेकिन अब किसानों की समस्या का हल होता नजर आ रहा है।



मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार अगर कम वर्षा की वजह से किसानों की खरीफ सीजन की धान, कोदो-कुटकी, अरहर बोने के बाद फसल खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में भी सरकार की ओर से प्रति एकड़ 9000 रुपये की सहायता प्रदान की जाएगा। मुख्यमंत्री ने साफ किया है  राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सूखा प्रभावित किसानों को भी गिरदावरी सर्वे के आधार पर प्रति एकड़ 9 हजार रुपये दिए जाएंगे।





 



छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने एक दूसरा ट्वीट करते हुए बताया है कि जिन किसानों ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत अपना पंजीकरण करवाया है उन्हें यह राशि प्रदान की जाएगी। दरअसल प्रदेश में कम वर्षा की वजह से करीब 35 तहसीलों में सूखा पड़ने का आशंका जताई जा रही है। प्रदेश में कुल 174 तहसीलें हैं ।



वहीं प्रदेश के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को हर साल 6000 रुपए की मदद मिल सकेगी। प्रदेश में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का आगाज किया गया है, जिसके लिए 1 सितंबर से रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।



वहीं छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर बारिश के आंकड़ों में सुधार होगा तो किसानों को क्षति कम होगी। अगर अगले 10 दिन में अच्छी वर्षा हो गई, काफी हद तक स्थिति कंट्रोल हो सकता है। वहीं बारिश में देरी होने की वजह से कई जिलों में देर से बारिश होने की वजह से धान की रोपाई में देरी हुई है। ऐसे में धान की फसल पर असर पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश का दौर एक बार फिर नहीं आया तो 20-22 प्रतिशत असर पड़ सकता है। सरगुजा कांकेर जिलों की स्थिति ज्यादा चिंता जनक है। छत्तीसगढ़ के पास राज्य आपदा मोचन निधि से 400 करोड़ रुपए का बजट है।