कन्नौद में चना बेचने आए किसानों ने प्रशासन की बेरुखी के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है। तीन दिन से परेशान किसानों की जब किसी ने नहीं सुनी तो उन्होंने कन्नौद नगर परिषद चौराहे को चुना। किसान यहां धरने पर बैठ गए हैं। किसानों का कहना है कि बीजेपी विधायक झूठे आश्वासन दे रहे हैं। स्थानीय बीजेपी विधायक आशीष शर्मा से उन्होंने कई बार शिकायत की लेकिन बारदाने की व्यवस्था नहीं हो सकी। तीन-चार बार आश्वासन के बाद भी जब बारदाना नहीं आया और अनाज की तुलाई शुरू नहीं हुई, तो हताश किसानों ने प्रदर्शन का रास्ता चुना। ये किसान तीन दिन से अपने अनाज की तुलाई के लिए इंतजार कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने दो दिन पहले प्रेस कांफ्रेस करके कहा था कि बारदाने की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

कन्नौद खरीदी केंद्र पर किसानों को मोबाइल पर मैसेज के ज़रिए अपनी फसल बेचने के लिए बुलाया गया था। इसके बाद अपनी फसल बेचने आए किसान पिछले 3 दिनों से खरीदी केंद्र पर मौजूद हैं लेकिन अब तक उनकी फसल खरीदी नहीं गई है। ना प्रशासन और ना ही स्थानीय BJP विधायक उनकी कोई सुध लेने को तैयार हैं।

प्रशासन हमारी अनदेखी कर रहा है : किसान

अपनी फसल बेचने खरीदी केंद्र आए सुनील पदौदा ने बताया कि वे पिछले चार दिनों से खरीदी केंद्र पर आए हुए हैं। इस बीच प्रतिदिन उनका 1500 रुपए खर्च हो रहे हैं। लेकिन पिछले चार दिनों से उनकी फसल खरीदी नहीं गई है। स्थानीय विधायक आशीष शर्मा और एसडीएम से इसकी शिकायत की गई। दोनों ने ही फोन पर ही फसल खरीदे जाने को लेकर आश्वासन तो दिया लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिसके बाद किसानों ने नगर परिषद चौराहे पर चक्का काम कर दिया है।

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एक अन्य किसान सत्यनारायण पटेल ने बताया कि पिछले तीन दिनों ‍से उनकी फसल मंडी में पड़ी हुई है। लेकिन अब तक फसल खरीदी शुरू नहीं की गई है। किसानों के ठहरने के लिए व्यवस्था भी ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि जिन वाहनों में फसल को खरीदी केंद्रों पर लेकर आए हैं,  उसका प्रतिदिन के हिसाब से डेढ़ हज़ार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है। स्थानीय विधायक और एसडीएम ने भी सिर्फ कोरा आश्वासन देने की बजाय और कुछ नहीं किया है। इसलिए किसानों ने बीच शहर में धरने पर बैठकर चक्काजाम कर दिया है। किसानों की मांग है कि उनके फसलों की जल्द से जल्द खरीदी की जाए ताकि वे अतिशीघ्र अपने निवास स्थान लौट सकें।