डेयरी किसानों ने दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर महाराष्ट्र के सांगली, कोल्हापुर और अहमदनगर जिलों में आंदोलन शुरू किया। राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले किसान संगठन ‘स्वाभिमानी शेतकारी संगठन’ के सदस्यों के साथ मिलकर आंदोलनकारियों ने दूध के टैंकरों को रोका और उन्हें सांगली और कोल्हापुर जिलों से गुजरने वाले पुणे-बेंगलुरू राजमार्ग पर इनका दूध बहाया। शेट्टी ने कहा कि वे दूध की खरीद की कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और इसका लाभ सीधे दूध उत्पादकों के खातों में डाले जाने की मांग कर रहे हैं। शेट्टी ने 10,000 टन दूध पाउडर आयात करने के केन्द्र के फैसले को रद्द करने की भी मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दूध उत्पादकों के लिए 30 रुपये की निर्यात सब्सिडी और दूध उत्पादों पर लगाए गए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को रद्द करने की भी मांग कर रहे हैं। केन्द्र सरकार की नीतियों के चलते राज्य में दूध का व्यापार प्रभावित हुआ है।’’

सुबह में शेट्टी ने कोल्हापुर जिले के उदगांव में भगवान शिव के एक मंदिर में दूध से अभिषेक किया। कुछ आंदोलनकारियों ने सोलापुर जिले के बरसी तहसील में गायों पर दूध की वर्षा की।अहमदनगर जिले में डेयरी किसानों और ‘दूध उत्पादक शेतकारी संघर्ष समिति’ के तत्वावधान में विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और कहा कि किसानों को न्यूनतम 30 रुपये प्रतिलीटर की खरीद कीमत मिलनी चाहिए।

समिति के संयोजक डा. अजित नवले ने कहा कि केंद्र सरकार को दूध पाउडर आयात का अपना निर्णय तत्काल वापस लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि किसानों को 30 रुपये प्रति लीटर खरीद कीमत दी जाए और राज्य सरकारों द्वार 10 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाना चाहिए। किसानों ने मंगलवार को पत्थरों का ‘‘दुग्ध अभिषेक’’ किया लेकिन अगर राज्य सरकार ने उनके आंदोलन का संज्ञान नहीं लिया, तो वे सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के आवासों के बाहर दूध डालेंगे।’’