नवरात्रि का मौका है, कुछ लोग नौ दिनों का व्रत कर रहे हैं, तो किसी ने एक दो दिन का व्रत रखा है। व्रत उपवास का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही यह हमारी सेहत से भी जुड़ा है। व्रत का मतलब भूखा रहना नहीं है, बल्कि चेंज इन फूड है। खाने पीने की चीजों में थोड़ा बदलाव करके सेहतमंद रहा जा सकता है। व्रत की थाली में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स को शामिल करना जरूरी है। केवल फैटी फूड या तली भुनी चीजें नहीं खानी चाहिए।

फल और सूखे मेवे से मिटाएं भूख

नवरात्र के दौरान फलों और ड्रायफ्रूट्स से आप अपनी भूख मिटा सकते हैं। बादाम, अखरोट, मखाना, किशमिश ये न्यूट्रीशन के अच्छे सोर्स हैं। अगर मंचिंग का मन करे तो ऐसे में मखाना बेस्ट ऑप्शन है। मखाना में वसा, सोडियम और कोलेस्ट्रॉल कम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर मेंटेन करता है। डायबटीज और किडनी के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। मखाना ग्लूटेन फ्री होता है, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट रिच होते हुए भी लो कैलोरी होता है।

ज्यादा देर खाली पेट रहने से एसीडिटी और खराब इम्यूनिटी हो सकती है, ऐसे में नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, जूस लेना फायदेमंद है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं शरीर को डीटॉक्स करते हैं इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।

आलू, शकरकंद का हलवा या चाट भी करें ट्राय

आलू का हलवा या खीर, शकरकंद की चाट या हलवा अगर कम घी और कम शक्कर के उपयोग से बनाए जाएं तो फायदेमंद साबित होंगे। राजगिरा, सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे से भी कई तरह की रेसेपी बनाई जा सकती है। कुट्टू के आटे की कढ़ी भी टेस्टी औऱ हेल्दी ऑप्शन है।

 राजगिरा, कुट्टू, सिंघाड़ा के आटे से बनाएं पराठा या पूरी

राजगिरे के आटे से रोटी, पराठा, पूरी, चीला बनाया जा सकता है। राजगिरा कैल्शियम और फाइबर रिच होता है। इसमें मौजूद phytosterols हाईबीपी, कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सिंघाड़े के आटे में विटामिन बी और ई, पोटेशियम, जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में ठंडक बनाए रखता है, हमारे सिस्टम को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। आमतौर पर सिंघाड़े के आटे की पूरियां बनाई जाती हैं। वहीं कुट्टू के आटे में डिटॉक्सिफाइंग क्वालिटी होती हैं।  

अगर आप रोटी या पराठा लंच में लेना चाहते हैं तो राजगीरा, कुट्टू और सिंघाड़े की रोटी एक अच्छा आप्शन है। जिसे आप आलू टमाटर की सब्जी के साथ आसानी से खा सकते हैं। वहीं कुट्टू के आटे से बनी कढ़ी के मोरधन का पुलाव भी लंच या डिनर में पसंद किया जाता है।

 चावल का अच्छा विकल्प है मोरधन

मोरधन का पुलाव बनाकर उपयोग किया जा सकता है। अगर आप साबूदाने की खिचड़ी पसंद करते हैं, लेकिन साबूदाने से मिलने वाले स्टार्च से आपको परहेज है तो मोरधन खिचड़ी या पुलाव अच्छा आप्शन हो सकता है।व्रत में खाई जाने वाली आलटाइम फेवरेट साबूदाना की खिचड़ी को भी थोड़ा डिफरेंट तरीके से बनाया जा सकता है।  व्रत में पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं, सेंधा नमक का उपयोग करें, ताकि सोडियम लेवल भी कंट्रोल रहे, डीहाइड्रेशन की समस्या ना हो।