नई दिल्ली। अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच जारी संघर्ष हिंसा के चरम पर पहुंच गया है। आतंकी संगठन तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान सरकार के मीडिया प्रमुख दावा खान मेनापाल की हत्या कर दी। खुद तालिबान ने दावा खान की हत्या की जिम्मेदारी ली है। 

शुक्रवार को जब दावा खान काबुल की एक मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे, इसी दौरान तालिबानी आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। खुद आतंकी संगठन ने दावा खान की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि उसने दावा खान को उसके कर्मों की सजा दी है। 

दावा खान अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया और सूचना केंद्र के प्रमुख थे। दावा खान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की आउटरीच मीडिया में प्रवक्ता भी रह चुके थे। दावा खान इस समय अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया और विदेशी मीडिया के लिए सरकार का प्रेस अभियान देख रहे थे। 

अफ़गानिस्तानी सरकार और तालिबान के बीच संघर्ष अब लगातार उग्र होते जा रहा है। अमेरिकी सरकार द्वारा अपने सैनिकों को स्वदेश वापस बुलाने की कड़ी में तालिबान एक बार फिर से अफगानिस्तान में सक्रिय हो गया है। अमेरिका के ज्यादातर सैनिक अब अपने वतन लौट चुके हैं। तालिबान ने यही मौका देखते हुए अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में अपना कब्ज़ा बनाना शुरू कर दिया है। 

अफ़गानिस्तानी सरकार तालिबान के उस हिंसक रुख के पीछे पाकिस्तान का हाथ बता रही है। दूसरी तरफ पाकिस्तानी सरकार लगातार अफगानिस्तान के आरोपों को निराधार बता रही है।