राष्ट्रपति एलेक्सजेंडर लुकाशेंको के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच बेलारूस के विदेश मंत्री व्लादिमीर मेकेई ने पश्चिमी देशों पर देश में अराजकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। बेलारूस में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनावों में कथित गड़बड़ी को लेकर पिछले एक महीने से हर रोज करीब दो लाख लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति का इस्तीफा मांग रहे हैं। एलेक्सजेंडर लुकाशेंको 1994 से देश की सत्ता पर काबिज हैं।

व्लादिमीर मेकेई ने कहा, "हम देख रहे हैं कि देश में माहौल बिगाड़ने के प्रयास हो रहे हैं। हमारे आंतरिक मामलों में दखल और बेलारूस पर प्रतिबंध का उल्टा असर होगा। यह सभी के लिए नुकसानदेह होगा।"

बेलारूस के राष्ट्रपति के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक 12 हजार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। कई प्रदर्शनकारियों की जान भी जा चुकी है। प्रदर्शनकारियों पर ज्यादती को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा बेलारूस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी कह चुके हैं कि लुकाशेंको को सत्ता से हटना पड़ेगा। यूरोपीय संघ ने लुकाशेंको को बेलारूस का वैध राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है।

दूसरी तरफ लुकाशेंको को रूस का समर्थन मिल रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि परिस्थियां और बिगड़ने पर बेलारूस का रूस में विलय हो सकता है। पुतिन ने हाल ही में बेलारूस को डेढ़ अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी है।