भूटान ने असम के सीमावर्ती इलाकों में सिंचाई का पानी लेने पर अचानक रोक लगा दी है। कोरोना लॉकडाउन के कारण लिए गए भूटान सरकार के इस फैसले से असम के हज़ारों परिवार प्रभावित हो गए हैं। इससे परेशान किसानों ने कल यानि 24 जून को असम की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने प्रदर्शन करते हुए असम की सरकार से जल्द से जल्द इस मसले का समाधान तलाशने की मांग की।

असम के सीमावर्ती इलाकों के किसान परेशान हैं क्‍योंकि पानी रुक जाने से धान की खेती प्रभावित हुई है। अनुमान है कि इससे लगभग 6 हज़ार परिवार न सिर्फ प्रभावित होंगे बल्कि उनके सामने खेती करना ही सबसे बड़ी चुनौती हो जाएगी। ऐसे में असम के किसानों ने कल सड़कों का रुख किया। स्थानीय मीडिया संस्थान ' रिपोर्ट डॉट कॉम' के मुताबिक असम के 25 गांवों से आने वाले किसानों ने अपने खेतों को छोड़कर भूटान के खिलाफ काफी देर तक प्रदर्शन किया। भूटान सरकार का विरोध करते हुए किसानों ने कई घंटों तक रोंगा और भूटान को जोड़ने वाली सड़क को जाम कर दिया। इस प्रदर्शन से यातायात रूका रहा।

असम के स्थानीय मीडिया संस्थान 'ईस्ट मोजो' के मुताबिक 1953 से ही भूटान असम के सीमावर्ती इलाकों में पानी उपलब्ध करा रहा है। यहां के किसान सिंचाई के लिए भूटान के ही सिंचाई चैनल पर निर्भर थे। असम के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले किसान पूर्णतः कालिंदी नदी के पानी पर आश्रित हैं। उनकी निर्भरता इसलिए है क्योंकि वे एक वर्ष आधारित मॉडल पर काम करते हैं। ऐसे में भूटान सरकार द्वारा लॉक डाउन के दौरान बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने से असम के किसानों पर इसका प्रभाव पड़ा है।