चीन ने कहा कि वह दो चीनी कंपनियों की ओर से मुहैया कराई गई कोविड-19 रैपिड जांच किट के आकलन के परिणाम और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा इनका उपयोग नहीं किए जाने के फैसले से “बेहद चिंतित” है. उसने उम्मीद जताई कि भारत “तार्किक ढंग” से इस मुद्दे को सुलझाएगा.
 

ICMR ने 27 अप्रैल को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चीनी कंपनियों- गुआंगझू वोंडफो बायोटेक और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक से खरीदी गई किट का इस्तेमाल बंद करने को कहा क्योंकि इनके परिणामों में ‘बड़ा अंतर’ देखने को मिल रहा था.

चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा, “हम आकलन के परिणामों और आईसीएमआर के फैसले से बेहद चिंतित हैं. चीन निर्यात किए गए चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता को बहुत महत्व देता है.”

एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों द्वारा चीनी उत्पादों को ‘खराब’ बताना और मुद्दों को पूर्वाग्रह के साथ देखना अनुचित और गैर जिम्मेदाराना है.

हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वह किन व्यक्तियों की बात कर रही थीं.

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में भारत का समर्थन करता है और दोनों देश के लोगों को संक्रमण से जल्द से जल्द उबारने के लिए नई दिल्ली के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा.

Click: शिकायतों के बीच ICMR ने रैपिड टेस्ट किट प्रयोग ना करने की सलाह दी

भारत ने करीब दो हफ्ते पहले चीनी कंपनियों से करीब पांच लाख रैपि़ड एंटीबॉडी जांच किट खरीदी थी और उन्हें उन राज्यों को वितरित किया गया था जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे.

एक पत्र में, ICMR ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से ये किट केंद्र सरकार को वापस करने को कहा है ताकि इन्हें कंपनियों को लौटाया जा सके.

सरकार ने कहा कि इसमें एक भी पैसे का नुकसान नहीं हुआ क्योंकि किट की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को कोई भुगतान नहीं किया गया था.

सरकार ने कहा कि उपकरणों के सही ढंग से प्रदर्शन ना करने के बाद इन दो चीनी कंपनियों से किट की खरीद रद्द कर दी गई है.

अपने बयान में रोंग ने कहा कि चीनी दूतावास “सही स्थिति’’ जानने के लिए ICMR और दो चीनी कंपनियों के करीबी संपर्क में है.