भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनावपूर्ण संबंधों के बीच अब चीन की सोशल मीडिया साइट्स Weibo और WeChat ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अभिषेक श्रीवास्तव के बयान डिलीट कर दिए हैं। गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुए हिंसक झड़प पर भारतीय विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री मोदी के बयान इन साइट्स पर शेयर किए गए थे। विदेश मंत्रालय के बयान को हटाने के पीछे की वजह साइट ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होना बताया है। बता दें कि Weibo और WeChat दोनो ही सोशल मीडिया एप पर भारतीय दूतावास के हजारों फॉलोवर्स हैं।

दरअसल, चीन में फेसबुक और ट्वीटर जैसे सोशल साइट्स बैन हैं इसलिए दुनियाभर के कई नेता चीनी लोगों से संपर्क साधने के लिए Weibo और WeChat जैसे एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हैं। Weibo ट्वीटर के जैसा होता है जिसे प्रधानमंत्री मोदी भी इस्तेमाल करते हैं ताकि चीनी लोगों से संपर्क साधा जा सके। भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पीएम मोदी ने 18 जून को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा था कि, 'लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत ज़ाया नहीं जाएगी। भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर मुहंतोड़ जवाब देने में भी सक्षम है।'

मोदी के इस बयान को उनके आधिकारिक Weibo अकाउंट से शेयर किया गया था जिसे कंपनी ने लेखक द्वारा हटाए जाने की बातें कही है। वहीं दूतावास के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इसे नहीं हटाया है बल्कि कंपनी ने डिलीट कर दिया है। उसी दिन कंपनी ने भारतीय विदेश मंत्री के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की टिपण्णी को भी हटा दिया था। हटाने के पीछे वजह बताया गया है कि यूजर द्वारा नियमों के उल्लंघन किए जाने के कारण यह सामग्री नहीं देखी जा सकती। वहीं कंपनी ने इन बयानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा भी बताया है। श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा था कि चीन को अपनी गतिविधियां अपने अधिकार क्षेत्र में ही सीमित रखनी चाहिए।

गौरतलब है कि Weibo और WeChat प्लेटफॉर्म्स पर भारतीय दूतावास के हजारों फॉलोवर्स हैं। भारतीय दूतावास ने Weibo पेज को बहुत पहले ही बनाया था वहीं WeChat पेज को वर्ष 2020 के जनवरी में शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2015 में चीन दौरे पर जाने के दौरान Weibo पेज बनाया था जिससे वह चीनी जनता से मुखातिब हुए थे। तब से लेकर अबतक वे इस अकाउंट के माध्यम से चीन की जनता से संवाद स्थापित करते रहे हैं।