नई दिल्ली। भारत अपने कई और पड़ोसी देशों की तरह ही पाकिस्तान को भी कोरोना की वैक्सीन मुफ्त में देने जा रहा है। भारत की तरफ से पाकिस्तान को कोरोना वैक्सीन के 1.6 करोड़ डोज़ मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे। पाकिस्तान को यह वैक्सीन ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (GAVI) समझौते के तहत उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे पहले भारत ने श्रीलंका, भूटान, मालदीव, नेपाल, बंगलादेश सहित 56 देशों को वैक्सीन मुहैया कराई है, जिसके लिए भारत की काफी तारीफ हो रही है। 

ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन के तहत दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने के लिए मामले में आपसी सहयोग के इरादे से सितंबर 2020 में एक समझौता किया गया। इस समझौते के तहत दुनिया के ज़रूरतमंद देशों को कोरोना वैक्सीन मुहैया कराई जा रही है। भारत भी इसी सहमति के आधार पर पाकिस्तान को कोरोना वैक्सीन की सप्लाई करने जा रहा है। पाकिस्तान के लिए भारत की तरफ से दी जा रही यह मदद काफी मायने रखती है। 

पाकिस्तान में अब तक 2.7 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। पाकिस्तान फिलहाल चीन द्वारा निर्मित कैनसिनो नामक वैक्सीन का उपयोग कर रहा है। इसके लिए उसे हर डोज़ के बदले 2000 पाकिस्तानी रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि भारत की तरफ से उसे मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान को ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन सप्लाई की जा रही है। इस वैक्सीन की पहली खेप जल्द ही पाकिस्तान पहुंचने वाली है।

भारत अब दुनिया के बहुत सारे देशों को वैक्सीन मुहैया करा चुका है। भारत के इस मददगार रुख की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है। दूसरे देशों के साथ ही साथ पाकिस्तान जैसे विरोधी देश की मदद करके भारत मानवता की मिसाल पेश करेगा। यह एक अच्छी बात है। लेकिन साथ ही इस बात पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है कि विशाल आबादी को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण के लिहाज से भारत की अपनी ज़रूरतें भी काफी बड़ी हैं। यही वजह है कि देश में अब तक कोरोना का टीका उम्र और स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ शर्तों और पाबंदियों के साथ प्राथमिकता के आधार पर ही लगाया जा रहा है।

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देश में सभी को मुफ्त टीका मुहैया कराने की गारंटी अब तक सरकार नहीं दे सकी है। इतना ही नहीं, राजस्थान सरकार ने तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मुहैया नहीं कराने और झूठे आंकड़े जारी करने का आरोप भी लगाया है। राजस्थान सरकार का कहना है कि मोदी सरकार ज़रूरत से कम टीके दे रही है जिसके कारण राजस्थान में टीकाकरण अभियान कई केंद्रों पर बंद करना पड़ा है। अगर यह आरोप सही हैं तो सोचना होगा कि दुश्मन देश को मुफ्त टीका उपलब्ध कराने और देश के ही एक राज्य के नागरिकों के लिए पर्याप्त वैक्सीन नहीं भेजने की नीति कितनी सही है?