वाशिंगटन। नए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान होने वाली आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान भारत को गंदगी भरा देश कहने पर डोनाल्ड ट्रंप की अपने देश में भी आलोचना हो रही है। राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को चुनौती दे रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने ट्रंप के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि अपने दोस्तों के बारे में कोई इस तरह से बात नहीं करता। बाइडेन ने कहा कि वे खुद और उनकी सहयोगी कमला हैरिस भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों का बेहद सम्मान करते हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय मूल की थीं, जबकि उनके पिता जमैका से अमेरिका में आए थे।  

जो बाइडेन ने ट्रंप के भारत विरोधी बयान के बारे में ट्विटर के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। बाइडेन ने अपने एक ट्वीट में लिखा है, "ट्रंप ने भारत को गंदगी भरा देश कहा है। अपने दोस्तों के बारे में आप इस तरह से बात नहीं करते और ना ही इस तरह से वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौती का कोई हल निकालते हैं।"





दरअसल, डिबेट के दौरान ट्रंप से जलवायु परिवर्तन को लेकर सवाल किया गया था। जिसके जवाब में उन्होंने अमेरिका को बेहतर दिखाने और दूसरे देशों पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाने के उद्देश्य से चीन, रूस और भारत को गंदगी भरा देश बताया था।



ट्रंप ने कहा था, "चीन को देखो, कितना गंदा देश है। रूस को देखो। भारत को देखो। हवा कितनी गंदी है।"



ट्रंप के इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठे। प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप को अपना अच्छा दोस्त बताते रहे हैं। अहमदाबाद और टेक्सास में हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के जरिए दोनों ने अपनी निकटता भी जाहिर की है। लेकिन इस बयान पर नरेंद्र मोदी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके पहले ट्रंप ने पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में भी भारत पर कोरोना वायरस के गलत आंकड़े देने का आरोप लगाया था। तब भी मोदी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।



भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर जो बाइडेन ने कहा कि सत्ता में आने पर हम भारत को अपनी विदेश नीति के केंद्र में रखेंगे। उन्होंने कहा कि जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे और वे उपराष्ट्रपति, तब भारत और अमेरिका ने अपने संबंधों के सुनहरे दिन देखे।



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बाइडेन ने आगे कहा कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का बढ़ चढ़कर साथ देंगे। साथ ही साथ क्षेत्रीय शांति के लिए भी काम करेंगे और ऐसी परिस्थितियां बनाएंगे, जहां चीन अपने पड़ोसियों को धमका ना सके। एक दूसरे के साथ व्यापारिक संबंध सुधारने और मजबूत बनाने की बात भी बाइडेन ने कही।