स्पेन के कैनरी आइलैंड पर स्थित ला पाल्मा ज्वालामुखी में 10 दिनों से विस्फोट जारी है। अब यह लावा समुद्र की ओर पहुंचने लगा है। यहां से निकला करीब एक हजार डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा गर्म लावा 22 डिग्री वाले अटलांटिक महासागर में मिल रहा है। यह लावा आग की तरह धधकता हुआ पूरे शहर में फैलते हुए समुद्र की और जा रहा है। इस लावा ने आइलैंड को तीन तरफ से घेर लिया है। इसकी वजह से 400 से ज्यादा गगनचुंबी इमारतें बरबाद हो गई हैं। इस ज्वालामुखी के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यहां का लावा 25 फुटबाल मैदानों से भी विशाल है।

ज्वालामुखी संस्थान के कैनरीज़ (Involcan) का कहना है कि इस नवनिर्मित प्रायद्वीप का आकार दोगुना होकर 20 हेक्टेयर याने 50 एकड़ तक जा पहुंचा है। यहां विस्फोट के बाद निकलने वाली सल्फर गैस से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इस लावा ने कई किलोमीटर की सड़कों, खेतों को नुकसान पहुंचाया है। वहीं यहां से निकला हाइड्रोक्लोरिक एसिड और ज्वालामुखी कांच के महीन कण, सल्फर गैस, आंखों, त्वचा और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियों का कारण बन रही है। जानकारों का दावा है कि स्पेन के कैनरी आइलैंड पर स्थित ला पाल्मा ज्वालामुखी 50 साल बाद फटा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यहां से अभी कई दिनों तक लावा निकल सकता है।

लोगों को इस ज्वालामुखी के शांत होने का इंतजार है। 10 दिनों बाद भी ज्वालामुखी में विस्फोट हो रहा है, लावा निकलने से स्थानीय लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं, ज्यादातर इलाका खाली करवा लिया गया है।  ला पाल्मा से लावा बहकर अटलांटिक ओशन की तरफ बढ़ रहा है। इसकी निगरानी यूरोपीय संघ कर रहा है। उसका दावा है कि इस लावा की वजह से सैकड़ों इमारतों में रहने वाले करीब 85 हजार से ज्यादा लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली जहरीली गैसों की वजह से पर्यावरण को भी खासा नुकसान हो रहा है।

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ला पाल्मा द्वीप के लोगों के आय का मुख्य स्त्रोत खेती है। इस द्वीप की लंबाई 25 किलोमीटर और चौड़ाई केवल 20 किलोमीटर है। लोगों को इंतजार है कि कब हालात सामान्य होंगे और वे अपने घरों को देख सकेंगे। अब नए सिरे से जीवन की शुरुआत करनी पड़ेगी।