शिकागो। 'अबकी बार मोदी सरकार' की तर्ज पर 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा देने वाले भारतीय अमेरिकी शलभ कुमार को ट्रंप की हार का डर सता रहा है। इस नारे का प्रयोग अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को ट्रंप के पक्ष में लुभाने के लिए किया जा रहा है। पिछले साल ह्यूस्ट में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस नारे का प्रयोग किया था। इंडियन एक्सप्रेस से हुई बातचीत में कुमार ने कहा कि पहले ट्रंप आसानी से जीतते लग रहे थे, लेकिन अब मुकाबला कड़ा हो गया है। 

कुमार का कहना है कि कोविड 19 महामारी ने ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं पर बुरा असर डाला है। उन्होंने कहा कि अगर महामारी ना शुरू हुई होती तो अर्थव्यवस्था काफी बेहतर स्थिति में होती, स्टॉक मार्केट टॉप पर होता और बेरोजगारी इतिहास में सबसे निचले पायदान पर होती। 

रिपब्लिकन हिंदू संगठन के फाउंडर कुमार का अभी भी मानना है कि ट्रंप अमेरिकी इतिहास के सबसे अच्छे राष्ट्रपति हैं, खासकर देश की अर्थव्यवस्था के लिए। उनका संगठन रिपब्लिकन नीति निर्माताओं और अमेरिका में रहने वाले हिंदुओं के बीच सहयोग बढ़ाने का दावा करता है। शलभ का कहना है कि उनका संगठन हिंदुओं के अलावा जैन और बौद्धों के लिए भी काम करता है। 

दरअसल, ट्रंप और बाइडेन दोनों ही अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐतिहासिक तौर पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट देते आए हैं। ट्रंप की संकीर्ण नस्लवादी और प्रवासी विरोधी राजनीति ने इस समुदाय को रिपब्लिकन पार्टी से दूर किया है। हालांकि, शलभ का कहना है कि यहां रहने वाले हिंदुओं को वीजा से ज्यादा चुनाव के आर्थिक प्रभाव से फर्क पड़ता है। शलभ ने यह भी कहा कि रिपब्ल्किन पार्टी के आतंकवाद, सीएए और अनुच्छेद 370 पर लिए गए स्टैंड से भी यहां के हिंदू खुश हैं। 

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शलभ कुमार भले कहते रहें कि मुकाबला कड़ा है, लेकिन दूसरी तरफ जो बाइडेन इलेक्शन पोल्स में ट्रंप से काफी आगे चल रहे हैं। लगभग सभी कड़े मुकाबले वाले राज्यों में भी बाइडेन आगे हैं। चाहे वो पेन्सिलविनिया हो, ओहायो हो, जॉर्जिया हो, नॉर्थ कैरोलाइना हो या फिर विस्कॉन्सिन। सालों से रिपब्लिकन उम्मीदवार के पक्ष में वोट देते आए टेक्सास जैसे राज्यों में भी इस बार हवा का रुख बदलता लग रहा है।