अबु धाबी। इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात अब स्पेस साइंस के क्षेत्र में एक और इतिहास बनाने जा रहा है। पिछले साल मंगल मिशन भेजकर अरब देशों के इतिहास में पहला उपलब्धि हासिल करने के बाद अब यह देश एक महिला यात्री को अंतरिक्ष पर भेजने की तैयारी में है। यूएई ने नूरा अल मातुशी को अंतरिक्ष यात्री घोषित किया है। अरब देशों के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब किसी महिला यात्री को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।



दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि हमने अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों में अरब देशों की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को चुना है। उन्होंने बताया है कि इन दोनों को चार हजार कैंडिडेट्स के बीच से चुना गया है। शेख ने दोनों अंतरिक्ष यात्री नूरा अल मातुशी और मोहम्मद अल मुल्ला को बधाई दी है।





एमबीआर स्पेस सेंटर ने एक वीडियो भी जारी किया  है। इसमें बताया गया है कि साल 1993 में जन्मी नूरा अल मातुशी अबू धाबी स्थित राष्ट्रीय पेट्रोलियम निर्माण कंपनी में एक इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हैं। मातुशी को बचपन से ही स्पेस और एस्ट्रोनॉमी में दिलचस्पी रही थी। वह नियमित तौर पर स्टारगेजिंग इवेंट्स में जाया करती थीं। जानकारी के मुताबिक वह संयुक्त अरब अमीरात यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजिनियरिंग की डिग्री लेने के बाद अमेरिकन सोसायटी ऑफ मकैनिकल इंजिनियर्स की सदस्य बनीं। 



मातुशी ने साल 2011 में मैथ ओलंपियाड में पहला स्थान हासिल किया था। वह नेशनल पेट्रोलियम कंस्ट्रक्शन कंपनी की युवा परिषद की पांच साल तक उपाध्यक्ष भी रहीं साथ ही कई साल तक वॉलंटिअर के तौर पर विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दिया। वहीं दूसरे अंतरिक्ष यात्री मोहम्मद अल मुल्ला वर्तमान में दुबई पुलिस के साथ पायलट के रूप में काम करते हैं। साल 1988 में जन्मे मुल्ला ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के चीफ भी हैं। इन दोनों को टेक्सास के ह्यूस्टन में स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षित किया जाएगा।





गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में अंतरिक्ष को लेकर संयुक्त अरब अमीरात सरकार की दिलचस्पी बढ़ी है। साल 2019 में पहली बार हज्जा अल मंसूरी अंतरिक्ष जाने वाले पहले यूएई नागरिक बने थे। यूएई की अंतरिक्ष संबंधी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। अरब देश साल 2024 तक चांद पर अंतरिक्ष यान भेजना चाहता है। यूएई द्वारा किसी महिला को अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किए जाने को अरब देशों में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है।