भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी के संकट के बीच RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान भारतीय GDP ग्रोथ निगेटिव में रहने का अनुमान जताया है।

शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान Governor शक्तिकांत दास ने यह स्वीकार किया कि लॉकडाउन के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस दौरान उन्होंने सभी तरह के टर्म लोन पर मोरैटोरियम की अवधि को तीन महीने बढ़ाने की घोषणा करते हुए बताया कि अब होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन, व क्रेडिट कार्ड्स के बिल आदि पर तीन और महीनों के लिए राहत मिलेगी।

आरबीआई ने रेपो रेट में एक बार फ़िर से 40 अंकों की कटौती की है, वहीं रिवर्स रेपो रेट को पूर्व के अनुसार ही रखा गया है। बता दें कि रेपो रेट वह दर है जिससे देशभर के बैंकों को कर्ज मिलता है। दास ने कहा 'भारत की आर्थिक गतिविधियों में 60 फीसदी योगदान देने वाले टॉप 6 राज्यों के ज्यादातर इलाके ऑरेंज अथवा रेड जोन में हैं। अप्रैल में ग्लोबल पीएमआई घटकर पिछले 11 वर्षों के निचले स्तर पर जा पहुंचा है।' उन्होंने कोरोना के असर को देखते हुए अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में भारत का जीडीपी निगेटिव रहेगा वहीं दूसरी छमाही में कुछ बढ़ सकता है।

बता दें कि पिछले 2 महीनों में दास का यह तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। इसके पहले उन्होंने 27 मार्च व 17 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इन दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की बात कही थी।