नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अफ़गानिस्तानी सरकार ने तालिबान के सामने में पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं। तालिबानी आतंकियों ने अब कंधार को भी अपने कब्जे में ले लिया है। कंधार अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। 

तालिबान ने इससे पहले गजनी को अपने कब्जे में ले लिया था। जो कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से महज़ 150 किलोमीटर की दूरी पर है। अब कंधार का तालिबान का कब्जे में आना तालिबानी आतंकियों को बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

कंधार शहर को तालिबानी आतंकियों का गढ़ माना जाता रहा है। 1990 में तालिबानी आतंकियों ने सबसे पहले कंधार पर ही कब्जा किया था। अब एक बार फिर इस शहर को हथियाने के बाद इसे तालिबानी आतंकियों की सांकेतिक जीत की तरह देखा जा रहा है। 

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कंधार बारहवीं प्रांतीय राजधानी है जिसे तालिबान ने अपने कब्जे में लिया है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को चारों तरफ से तालिबान ने घेर लिया है। अब तालिबान काबुल की तरफ कूच कर सकता है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया जा रहा है कि 30 दिनों में तालिबान काबुल पहुंच सकता है। और 90 दिनों के भीतर काबुल पूरी तरह से उसके कब्जे में आ सकता है। 

उधर तालिबान के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए अफगानी राष्ट्रपति वॉरलॉर्ड्स की शरण में गए हैं। वॉरलॉर्ड्स ऐसे अफगान सैनिक हैं, जिन्हें अमेरिका ने तालिबान से लड़ने के लिए ट्रेनिंग दी है। हालांकि दूसरी तरफ अफगानी सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा तालिबान को शांति प्रस्ताव दिए जाने की खबरें भी मीडिया में चल रही हैं।