नई दिल्ली। अमेरिकी कांग्रेस में शीर्ष चार टेक कंपनियों के ऊपर चल रही एंटीट्र्स्ट मामले की सुनवाई में फेसबुक और टिकटॉक आमने सामने आ गए हैं। अमेरिका की शीर्ष चार टेक कंपनियों फेसबुक, गूगल, अमेजन और ऐप्पल पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीकों का प्रयोग कर अपने प्रतियोगियों को दबाया। इसके जवाब में मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि उनकी कंपनी फेसबुक अमेरिकी तरीके से ही इतने ऊपर तक पहुंची है और चीन के खिलाफ इंटरनेट लड़ाई जीत रही है। मार्क जुकरबर्ग का इशारा टिकटॉक की तरफ था, जो वीडियो के मामले में फेसबुक का प्रतिद्वंदी है।

टिकटॉक की तरफ इशारा कर मार्क जुकरबर्ग ने यह भी जताया कि वे अपने प्रतिद्वदियों को दबा नहीं रहे हैं क्योंकि वीडियो प्लेटफॉर्म पर टिकटॉक अमेरिका में कहीं अधिक लोकप्रिय है। टिकटॉक के जवाब में फेसबुक ने कई देशों में ‘रील्स’ नाम से सेवा दी है, जो अब तक कामयाब नहीं हुई है। फेसबुक के ऊपर अपने प्रतिद्वंदियों की नकल करने का आरोप भी है, जिसे फेसबुक ने स्वीकार भी किया है। 

टिकटॉक पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका में कंपनी के सीईओ केविन मेयर ने कहा कि देशभक्ति का चोगा पहनकर अपने प्रतियोगियों को निशाना बनाने की जगह खुली और स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग अमेरिका में हमें नहीं देखना चाहते हैं। मेयर ने यह भी कहा कि फेसबुक का रील्स बुरी तरह विफल हुआ है।

फेसबुक पर अपने प्रतिद्वंदियों की नकल करने के आरोप को उभारते हुए केविन मेयर ने कहा कि कुछ लोग बस नकल करना जानते हैं और उसे देशभक्ति का नाम देते हैं। केविन मेयर हाल ही में वाल्ट डिज्नी छोड़कर टिकटॉक के सीईओ बने हैं। वे लगातार अमेरिकी नियामकों को यह समझा रहे हैं कि टिकटॉक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है। भारत की ही तरह अमेरिका में भी टिकटॉक को बैन करने की बात चली है। अपनी छवि सुधारने के लिए कंपनी ने केविन मेयर के रूप में एक भरोसेमंद सीईओ को हायर किया है।

मार्क जुकरबर्ग कई मायनों में चौकाने वाले है। वे लगातार फेसबुक को चीन में लाने का प्रयास कर रहे थे। आप हालांकि, वे फेसबुक को चीन के संभावित खतरे के खिलाफ एक अमेरिकी सफलता के रूप में प्रस्तुत कर रहै हैं। उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के मत के साथ मेल खाता है, जो अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव के बीच टिकटॉक को बैन करने की बात कर चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जुकरबर्ग खुद को मेहनती अमेरिकी देशभक्त बताकर अमेरिकी जनता के बीच अपनी अच्छी छवि बनाना चाहते हैं और अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों से बचना चाहते हैं।