शहडोल। प्रदेश के अस्पतालों में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण लोग ऑक्सीजन की किल्लत के कारण मर रहे हैं। शहडोल के मेडिकल कॉलेज में बीती रात ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से कोरोना के 6 मरीजों ने दम तोड़ दिया। शनिवार दिन में भी ऑक्सीजन की कमी के कारण दस मरीजों की मौत हो गई थी। इस लिहाज से मेडिकल कॉलेज में एक दिन में ऑक्सीजन की कमी के कारण 16 लोगों की मौत हो गई। 



शनिवार रात अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होते ही मरीजों की चीख पुकार शुरू हो गई। चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल मच गया। मरीज़ ऑक्सीजन के मास्क को यह सोचकर दबाने लगे कि शायद मास्क को दबाने से उन तक ऑक्सीजन पहुंच जाए। लेकिन ऑक्सीजन की किल्लत ने मरीजों की जान ले ली। 



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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि दमोह से ऑक्सीजन का एक टैंकर शहडोल के मेडिकल कॉलेज आ रहा था। लेकिन रास्ते में ट्रैफिक में फंस जाने के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मुहैया नहीं हो सकी। अगर समय रहते यह टैंकर पहुंचा जाता तो शायद ज़िंदगियों को बचाया जा सकता था। लेकिन इस कारण को गिनाने ने बावजूद अस्पताल प्रबंधन अपनी ज़िम्मेदारियों से नहीं बच सकता। सवाल यही उठ रहे हैं कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन की इतनी कमी थी तब ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन का भंडारण पहले से ही सुनिश्चित क्यों नहीं किया गया।





 



 



मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इसे हत्या करार दिया है। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा है, शहडोल से दुःखद खबर-मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 16 लोगों की मौत।शिवराज जी,ये मौत नहीं हत्या है, और आप इसके ज़िम्मेदार हो।