उमरिया। बिरसिंहपुर पाली नेशनल हाइवे पर पाली रोड के नजदीक सड़क हादसे में एक बाघ शावक की मौत हो गई। हादसा नेशनल हाइवे 43 स्थित घुनघुटी फारेस्ट रेंज में अरहिरा दादर गांव के पास शुक्रवार तड़के हुआ। यहां खून से लथपथ एक बाघ शावक का शव मिला। शावक की उम्र करीब 7 महीना होने का अनुमान लगाया जा रहा है। शावक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों की शिकायत पर फारेस्ट के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। माना जा रहा है कि हाइवे में सड़क पार करते समय बाघ शावक किसी गाड़ी की चपेट में आया होगा, जिससे उसकी मौत हो गई। 

बाघ शावक की मौत के बारे में उमरिया के वन मंडलाधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर NH 43 पर यह बाघ का शव मिला है। आशंका जताई जा रही है कि किसी तेज रफ्तार वाहन ने शावक को टक्कर मारी होगी, क्योंकि उसके शरीर पर चोट के निशान मिले हैं, और उसके सभी अंग सुरक्षित हैं, माना जा रहा है कि हादसा तड़के अंधेरे में 3-4 बजे के आसपास हुआ होगा।

वन मंडलाधिकारी ने बताया है कि यह इलाका संरक्षित वन क्षेत्र नहीं है, साथ ही यह बाघ भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से नहीं था। बाघ शावक का पोस्टमार्टम करवाया गया है।

डीएफओ ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नेशनल हाइवे पर लोगों को सावधानी से वाहन चलाने के लिए जागरुक करने पर जोर देने की मांग की है। वाहन चालकों के लिए नेशनल हाइवे पर साइन बोर्ड लगाने पर विचार किया जा रहा है।इस बारे में फारेस्ट विभाग के आला अफसरों से बातचीत की जा रही है।

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टाइगर स्टेट का खिताब हासिल करने वाले मध्यप्रदेश में बीते करीब चार महीनों में दो दर्जन से ज्यादा बाघों की मौत हो चुकी है। 5 मई को बुदनी के पास जहानपुरा गांव में बाघ का शव मिला था। जबकि 11 मई को बैतूल के भौंरा फारेस्ट रेंज में ट्रेन से कटकर बाघ की मौत हो गई थी। जो कि नागपुर-इटारसी रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आया था। वहीं प्रदेश के विभिन्न नेशनल पार्कों और जंगलों में 60 बाघ शावक पैदा भी हुए हैं। जिनमें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सालभर के करीब 41 बाघ शावक नजर आए हैं। प्रदेश में इनदिनों करीब 526 बाघ हैं।