भोपाल। राजधानी भोपाल आज औपचारिक रूप से मेट्रो सिटी के रूप में अपनी पहचान दर्ज कराने जा रहा है। करीब सात साल पहले हुई आधिकारिक घोषणा के बाद आज राजधानी में मेट्रो का पहला पहिया चलेगा। शाम को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री मोहन यादव मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर इसका उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वे सुभाष नगर से एम्स तक 6.22 किलोमीटर के पहले रूट पर मेट्रो यात्रा भी करेंगे।
उद्घाटन समारोह कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर यानी मिंटो हॉल में आयोजित होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री खट्टर, मुख्यमंत्री मोहन यादव, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिकॉर्डेड वीडियो संदेश भी समारोह का हिस्सा रहेगा।
उद्घाटन से पहले मेट्रो के सभी आठ स्टेशनों पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। स्टेशनों को फूलों से सजाया जा रहा है और दिन-रात काम चल रहा है ताकि उद्घाटन के दिन किसी तरह की कमी न रहे। हालांकि, मेट्रो प्रशासन ने साफ किया है कि स्टेशन के बाहर ढलान, सड़क निर्माण और अन्य कुछ कार्य अभी बाकी हैं जो अगले तीन महीनों तक चलते रहेंगे। इन बाहरी कार्यों का मेट्रो संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सुभाष नगर से एम्स तक मेट्रो के पहले कॉरिडोर में कुल आठ स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी और एम्स स्टेशन शामिल हैं। उद्घाटन के बाद जब जनप्रतिनिधि मेट्रो में सवार होंगे तो मेट्रो सभी स्टेशनों पर रुकेगी।
21 दिसंबर से आम यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। सुबह 9 बजे एम्स स्टेशन से पहला यात्री सफर शुरू होगा। पूरे दिन दोनों दिशाओं में कुल 17 ट्रिप चलाई जाएंगी। इनमें एम्स से सुभाष नगर के बीच 9 और सुभाष नगर से एम्स के बीच 8 ट्रिप शामिल हैं।
यात्रियों की सुविधा के लिए सभी स्टेशनों पर एस्केलेटर, लिफ्ट और रैम्प की व्यवस्था की गई है। सुभाष नगर, डीबी मॉल और एमपी नगर स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज बनाए गए हैं ताकि सड़क के दोनों ओर से यात्री आसानी से स्टेशन तक पहुंच सकें। रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन को फुट ओवरब्रिज के जरिए रेलवे स्टेशन से जोड़ा गया है। इसके जरिए ट्रेन से उतरने वाले यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन पहुंच सकेंगे। इसी तरह एम्स स्टेशन पर भी फुट ओवरब्रिज बनाया गया है। जिसके माध्यम से यात्रियों को सीधे एम्स कैंपस तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी।
मेट्रो का किराया तीन जोन में तय किया गया है और फिलहाल किसी तरह की फ्री राइड की सुविधा नहीं दी गई है। पहले दो स्टेशनों तक यात्रा करने पर 20 रुपए, तीन से पांच स्टेशन तक 30 रुपए और छह से आठ स्टेशन तक 40 रुपए किराया देना होगा। उदाहरण के तौर पर, डीबी मॉल से रानी कमलापति स्टेशन तक का सफर 20 रुपए में होगा। जबकि, डीबी मॉल से एम्स तक जाने पर 40 रुपए चुकाने होंगे। सभी स्टेशनों पर टिकट फिलहाल मैनुअल काउंटर से ही मिलेंगे, ऑनलाइन टिकटिंग की सुविधा अभी शुरू नहीं की गई है।
इंदौर मेट्रो में शुरुआती दिनों में मुफ्त और रियायती सफर की सुविधा दी गई थी। 31 मई को वहां कमर्शियल रन शुरू हुआ था और पहले सात दिन लोगों को मुफ्त यात्रा कराई गई थी। जबकि, एक महीने तक 25 से 75 प्रतिशत तक किराए में छूट मिली थी। भोपाल में भी इसी तरह के मॉडल की उम्मीद की जा रही थी लेकिन फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
तकनीकी रूप से भोपाल मेट्रो को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। शोर और कंपन को कम करने के लिए ट्रैक के नीचे रबर बेस पैड और साउंड बैरियर लगाए गए हैं जिससे आसपास की इमारतों पर असर नहीं पड़ेगा। मेट्रो में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे ब्रेक लगाने पर पैदा होने वाली ऊर्जा बिजली में बदल जाती है और करीब 30 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है।
भोपाल मेट्रो देश की पहली ऐसी मेट्रो परियोजना है जिसके सभी कोच पूरी तरह भारत में ही बनाए गए हैं। ये कोच गुजरात के सवली प्लांट में तैयार हुए हैं और आल्सटॉम की मोविया सीरीज के हैं जो लंदन और सिंगापुर जैसी अंतरराष्ट्रीय मेट्रो प्रणालियों में भी उपयोग किए जाते हैं। इन कोचों का वेंटिलेशन सिस्टम विश्वस्तरीय बताया जा रहा है। हालांकि, मेट्रो की सबसे बड़ी कमी स्टेशनों पर पार्किंग व्यवस्था का अभाव माना जा रहा है। आठ में से किसी भी स्टेशन पर मेट्रो की अपनी पार्किंग सुविधा नहीं है। ऐसे में यात्रियों को अपनी गाड़ियां सड़क किनारे या निजी पार्किंग में खड़ी करनी होंगी।