भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के शर्मिंदा करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। दलित बच्चियों से रेप और छेड़छाड़ के मामलों में मध्य प्रदेश देश में पहले नंबर पर है। इस मामले में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर और हरियाणा तीसरे नम्बर पर है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2019 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ रेप की 214 घटनाएं दर्ज हुईं। महाराष्ट्र में दलित बच्चियों के साथ रेप की 181 घटनाएं और हरियाणा में 101 घटनाएं दर्ज हुई हैं। 2019 के इन आंकड़ों के मुताबिक देशभर में दलित बच्चियों के साथ रेप की कुल 1116 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

दलित बच्चियों से छेड़छाड़ के मामले में भी मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड शर्मनाक है। प्रदेश में 114 दलित बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इस लिहाज से यूपी दूसरे और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है। यूपी में दलित बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की 98 औऱ महाराष्ट्र में 81 घटनाएं दर्ज हुई हैं। 2019 के आंकड़ों में देशभर में दलित बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की 437 घटनाएं दर्ज हुई हैं।

NCRB के आंकड़ों पर सियासी घमासान

एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। बीजेपी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दलित बच्चियों से रेप और छेड़छाड़ के . आंकड़े उस दौर के हैं, जब राज्य में कमल नाथ की सरकार थी। जबकि कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार में महिलाओं पर ज्यादा अत्याचार होते थे, हमारी सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में उनमें कमी लाई।

कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि बीजेपी नेता पूरी रिपोर्ट पढ़े बिना ही टिप्पणी करने लगते हैं। सच यह है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में रेप की 5433 वारदात हुई थीं, जबकि 2019 में 2490 वारदत हुईं। इससे साफ जाहिर है कि कमल नाथ सरकार के कार्यकाल में रेप की घटनाओं में 54 फीसदी की कमी आई थी।