भोपाल। भोपाल में एम्स से सुभाषनगर तक का कार्य अगस्त 2023 तक पूरा हो जाएगा। सुभाष नगर से करोंद चौराहे तक का कार्य दिसम्बर 2024 तक तथा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक का कार्य मई 2024 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। यानि भोपाल में तीन साल बाद पहली मेट्रो चल सकती है। इंदौर में गांधी नगर से मुमताज बाग तक का कार्य अगस्त 2023 तक, मुमताज बाग से रेल्वे स्टेशन तक का कार्य जुलाई 2024 तक तथा गांधीनगर से रेल्वे स्टेशन तक का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल एवं इदौर मेट्रो प्रोजेक्ट तेज़ी से पूरा करने के लिए ज्वाइंट वेन्चर बोर्ड के गठन, भोपाल एवं इंदौर मैट्रोपोलिटन क्षेत्र को अधिसूचित करने तथा भूमि अधिग्रहण आदि के कार्य तत्परता के साथ किए जाएँ। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि नागपुर मेट्रो का कार्य तेजी से हुआ है। वहां हुए कार्य का अध्ययन करें तथा मध्यप्रदेश में मेट्रो निर्माण कार्य को गति प्रदान करें।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार, भारत सरकार एवं म.प्र. मेट्रो रेल कंपनी के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी केन्द्र एवं राज्य सरकार की, बोर्ड द्वारा संचालित 50 : 50 संयुक्त उपक्रम कंपनी (ज्वाइंट वेंचर कंपनी) के रूप में परिवर्तित हो जाएगी।

ग़ौरतलब है कि भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत 14442 करोड़ 20 लाख रूपये है, जिसमें भोपाल मेट्रो की लागत 6941 करोड़ 40 लाख एवं इंदौर मेट्रो की लागत 7500 करोड़ 80 लाख रूपये है। मेट्रो कार्य के लिए अभी तक मेट्रो कंपनी को मध्यप्रदेश सरकार से 248 करोड़ 96 लाख रूपये तथा भारत सरकार से 245 करोड़ 23 लाख रूपये वित्त प्राप्त हुआ है। इसमें से मेट्रो कार्य पर अभी तक 138 करोड़ 58 लाख रूपये व्यय किए जा चुके हैं।