गुना। मध्य प्रदेश के गुना में भाजपा नेता द्वारा किसान को थार से कुचलकर बर्बर हत्या की घटना को लेकर फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव में दहशत और आक्रोश व्याप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह मंगलवार को मृत किसान रामस्वरूप नागर के परिजनों से मिलने पहुंचे। सिंह ने इस दौरान पीड़ित परिवार का ढांढस बढ़ाया और दोषियों को फांसी देने की मांग की।

मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह, बमोरी विधायक ऋषि अग्रवाल भी गणेशपुरा गांव पहुंचे। गांव के लोगों ने उन्हें बताया कि आरोपी महेंद्र नागर और उसका परिवार सालों से पूरे क्षेत्र में दबंगई, जमीन कब्जाने, अवैध शराब-गांजा कारोबार और मप्र-राजस्थान सीमा को पीछे धकेलकर सरकारी जमीन हड़पने तक के संगठित अपराधों में शामिल रहा। उनकी दहशत इस कदर थी कि आधे गांव के लोगों ने अपनी जमीन बेचकर गांव छोड़ दिया। कई वर्षों से उनका यह आतंक चलता रहा, पर शासन-प्रशासन के स्तर पर दबाव और डर के कारण मुख्य आरोपी महेंद्र नागर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसान की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह राज्य में कानून-व्यवस्था की लचर स्थिति को दशार्ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह असफल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने यहां मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं केंद्रीय मंत्री सिंधिया से मांग करता हूं कि वह स्वयं यहां आकर देखें कि उनके नाम पर भाजपा कार्यकर्ता कैसी दहशत फैला रहे हैं। क्षेत्र में जो अराजकता का माहौल है वह सिंधिया के संज्ञान में होना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसी महीने की 8 अक्टूबर को मृतक रामस्वरूप नागर जी ने लिखकर दिया कि मेरी जान को खतरा हैं, उस पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उन्होंने कहा कि ये पहली घटना नहीं हैं, चुनाव में मतदान के दिन भी उसके साथ मारपीट की गई थी। उन्होंने पूछा कि इसे नजरअंदाज क्यों किया गया? सिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए, बड़ी बेटी को शिक्षिका के रूप में अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए। सिंह ने कहा कि यह बहुत ही दर्दनाक घटना हैं और हम लोग इस पीड़ित परिवार के साथ हैं और अपराधियों को चाहे कितना भी राजनैतिक संरक्षण हो, इन्हें सजा दिलाकर रहेंगे।

मामले पर आईजी अरविंद सक्सेना ने कहा कि निश्चित रूप से यह दुखद घटना है। हमने फरियादी पक्ष से बात की है और घटना स्थल का भी मौका मुआयना किया है। FIR के पश्चात 14 में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गणेशपुरा गांव सरहद का गांव है। इसलिए मप्र और राजस्थान की ज्वाईंट आठ पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही है। हमारी पूरी कोशिश है सभी आरोपी शीघ्र से शीघ्र पकड़े जाएं। मैंने परिवार को विश्वास दिलाया है कि उन्हें पूर्ण रूप से सुरक्षा दी जाएगी। पुलिस लगातार यहां पर्याप्त संख्या में तैनात रहेगी। किसी भी असामाजिक तत्व को चाहे वो किसी भी संस्था से जुड़ा हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। हमारी कोशिश है कि गांव में पूर्ण रूप से शांति रहे और लोग सुरक्षित महसूस करें। 

किसान रामस्वरूप धाकड़ की हत्या के मामले में बुधवार को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों तथा सामाजिक संगठनों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि 26 अक्टूबर को गांव में बीजेपी के पूर्व बूथ अध्यक्ष महेंद्र नागर ने अपने 13-14 साथियों के साथ मिलकर पहले किसान रामस्वरूप धाकड़ पर लाठियों, डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया, इसके बाद उन्हें अपनी थार जीप से कई बार कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि घटना के दौरान मृतक की बेटी एवं भतीजी के साथ मारपीट कर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और परिवार को घायल को अस्पताल ले जाने से भी रोका गया। आरोपियों द्वारा हवाई फायरिंग कर पूरे क्षेत्र में दहशत फैलाने की बात भी कही गई है। 

किसान संगठन ने बताया कि महेंद्र नागर पर पहले भी दबंगई, भूमि कब्जे और बिजली चोरी जैसे कई मामले दर्ज हैं, जिनकी वजह से आसपास के लगभग 25 किसान अपनी जमीन छोडक़र पलायन कर चुके हैं। किसान सभा ने मांग की कि मुख्य आरोपी महेंद्र नागर सहित सभी आरोपियों पर हत्या, महिलाओं पर अत्याचार, आपराधिक साजिश और हथियार अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई करते हुए तत्काल गिरफ्तारी की जाए और इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु एक विशेष जांच दल गठित किया जाए। वहीं मृतक परिवार को 50 लाख का मुआवजा एवं एक सदस्य को शासकीय नौकरी की मांग की है।