सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व में एक काले तेंदुए का नन्हा शावक नजर आया है। यह नन्हा तेंदुआ टाइगर रिजर्व के खवासा बफर तेलिया क्षेत्र में पाया गया है, इसने पर्यटकों का मन मोह रखा है। खवासा बफर तेलिया जोन इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इसकी काले तेंदुए के शावक की उम्र करीब 5-6 महीने बताई जा रही है। नए साल के मौके पर पर्यटकों की भीड़ में यह नन्हा तेंदुआ जंगल में लुकाछिपी करता नजर आया है। इसे देखकर यहां आने वाले टूरिस्ट रोमांचित हो रहे हैं। ब्लैक लेपर्ड का फोटो वीडियो बनाने वालों की होड़ लगी है, पर्यटक इसे अपने कैमरे में कैद करने के लिए जोखिम तक उठाने को तैयार हैं। पेंच टाइगर रिजर्व में दिखाई दिया लेपर्ड दुर्लभ प्रजाति का है। 

और पढें: Leopard State MP: टाइगर स्टेट के बाद मध्य प्रदेश को मिला लेपर्ड स्टेट का दर्जा

टाइगर रिजर्व प्रशासन ने नन्हे काले तेंदुए के नजर आने की बात स्वीकार की है। पेंच टाइगर रिजर्व में काले तेंदुए का शावक देखकर पर्यटकों को रुडयार्ड किपलिंग की पुस्तक 'द जंगल बुक' के मोगली और 'बघीरा' की कहानी की यादें ताजा हो रही हैं। कई टूरिस्ट तो इसे 'बघीरा' नाम से पुकार रहे हैं। नन्हा तेंदुआ शावक इतना चंचल है कि पलक झपकते ही लोगों की नजरों से ओझल हो जाता है। यह काला तेंदुआ विलुप्त प्रजाति का है। पेंच टाइगर रिजर्व में कई सालों के बाद काला तेंदुआ दिखाई दिया है। 

मध्य प्रदेश की जैव विविधता जगजाहिर है। टाइगर रिजर्व के बाद प्रदेश को लेपर्ट स्टेट का दर्जा मिल चुका है। और हो भी क्यों ना मध्यप्रदेश में लेपर्ड्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इनदिनों प्रदेश में कुल 3421 तेंदुए हैं। इनकी संख्या पिछले चार साल में 1604 बढ़ गई है।