सागर। मध्य प्रदेश के सागर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सागर के नयागांव में एक युवक के सिर पर खून सवार हो गया। उसने कुल्हाड़ी से 5 लोगों पर हमला कर दिया। हमले में युवक के चाचा और बीच-बचाव करने आए एक पड़ोसी की मौत हो गई है। यहां तक की युवक ने अपनी बड़ी मां और चाची को भी कुल्हाड़ी से घायल कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद से आरोपी युवक फरार है। जिसकी तलाश में पुलिस की कई टीम लगी हुई हैं।

बताया जा रहा है कि युवक ने सोमवार शाम करीब 6.30 बजे अचानक परिवार के लोगों पर कुल्हाड़ी से हमला करना शुरू कर दिया। चीखें सुनकर पड़ोस के कुछ लोग बचाने आए, तो उन पर भी उसने कुल्हाड़ी से हमला किया। आरोपी का खतरनाक इरादा देख गांव के लोग सहम गए। लोग इतने डर गए कि घरों में जाकर अपने दरवाजे बंद कर लिए। युवक यहीं नहीं रुका। घटना को अंजाम देने के बाद भागते समय रास्ते में मिले एक शिक्षक पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर उसे घायल कर दिया। युवक घटना को अंजाम देने के बाद से फरार है।

वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस की पांच टीमें घटना स्थल पर पहुंची। देवरी एसडीओपी पूजा शर्मा, केसली थाना प्रभारी मीनेश भदौरिया समेत अन्य थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया और श‌वों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस की कई टीमें फरार आरोपी की तलाश में जुट गईं हैं।

पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम रावसाब यादव (28 वर्ष) है। आरोपी शादीशुदा है उसके दो बच्चे भी हैं। उसने सबसे पहले अपने चाचा पर हमला किया था। इसके बाद उसने बीच बचाव करने आए पड़ोसी पर हमला किया दोनों की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी। चीख पुकार सुनकर बाहर आईं युवक की चाची और बड़ी मां पर भी उसने हमला किया दोनों गंभीर रूप से घायल हैं। इसके बाद भागते समय उसने गांव के एक शिक्षक पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि आरोपी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। वह आए दिन गांव में उत्पात मचा कर दहशत का पैदा करते रहता है।

बता दें कि सागर कभी ज्ञान और शिक्षा के लिए देशभर में मशहूर था, लेकिन अब यह जिला हिंसा के लिए सुर्खियों में है। सागर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र देश-विदेश में शीर्ष पदों पर आसीन हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से बुंदेलखंड का यह इलाक़ा लगातार हिंसक गतिविधियों और सियासी लड़ाइयों का अखाड़ा बनता जा रहा है। हाल के दिनों में सागर व आसपास के इलाकों से हिंसा की अनेक ख़बरें आ चुकीं हैं, जिनमें ज्यादातर घटनाएं राजनीतिक प्रतिशोध से जुड़ी हुईं हैं। ज्ञान की भूमि को इस तरह हिंसा का अखाड़ा बनते देखना चिंता का विषय है।