उज्जैन। देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के पुजारियों का आपसी विवाद एक शिकायती पत्र के रूप में सीएम हाउस पहुंच गया है। इस शिकायती पत्र में महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है। ये पत्र अखिल विश्व पुजारी महासंघ, उज्जैन के संस्थापक, अध्यक्ष पंडित महेश पुजारी ने की है।

पंडित महेश पुजारी ने अपने पत्र में पंडित प्रदीप गुरु पर गंभीर आरोप लगाए। प्रदीप गुरु पर सीएम से नजदीकी की धमकी देकर साथी पुजारियों को धमकाने, सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की अवहेलना करना, नियम विरुद्ध पूजा सामग्री अबीर, गुलाल, कंकू, अधिक मात्रा में शिवलिंग पर चढ़ाना, अपने यजमानों को 15-20 मिनट तक गर्भ ग्रह में रोककर पूजा करवाना तथा पूजा करवाते समय अन्य पुरोहित, पुजारी, भक्त को गर्भ ग्रह में प्रवेश करने से रोकना, उन्हें अपमानित करने का आरोप है।

पंडित महेश पुजारी ने आरोप लगाया है कि शिवरात्रि पर्व पर भस्म आरती के पुजारी पर दवाब बनाकर फलों के रस का 765 रस मूर्ति पर चढ़ाया गया जो कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उलंघन है।

वहीं इन आरोपों पर पंडित प्रदीप गुरु की सफाई भी आई। प्रदीप गुरु ने कहा कि मैं मंदिर हित में काम करता हूं, आगे भी करता रहूंगा। मुझे 3 जून को शिवलिंग के पंचामृत स्नान करने से रोका गया। मैं जनेऊधारी पुजारी हूं। मुझे पूजा करने से कोई नहीं रोक सकता।

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गौरतलब है कि 11 मई को पंडित प्रदीप गुरु ने अपने यजमान के साथ पूजन के दौरान पंडित महेश पुजारी को गर्भ ग्रह में प्रवेश करने से रोक दिया था। विवाद इतना बड़ा की शिकायत मंदिर समिति और अब मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गई है।